7th pay commission, 7th pay commission latest news: सरकारी कर्मचारी केंद्र सरकार से लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. हालांकि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांग पर फैसला नहीं ले पाई है. कुछ ही दिनों में नई सरकार बननी है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा. बता दें कि पिछली नरेंद्र मोदी सरकार भी फैसला ले चुकी थी कि कई फेजों में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाएगी.
नई दिल्ली. 7th pay commission, 7th pay commission latest news: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के संबंध में अच्छी खबरें आने वाली हैं. सरकारी पहले ही केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ प्रोत्साहन राशी और भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा कर चुकी है. केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की मांग बहुत समय से लंबित है. आशा की आखिरी किरण आखिरी कैबिनेट बैठक थी जो आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले हुई थी. हालांकि उसमें भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कोई घोषणा नहीं की केंद्र सरकार के कर्मचारी 18,000 रुपये से 26,000 रुपये तक के न्यूनतम वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे.
अब सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि नई सरकार बनने के बाद उनकी मांगों का संज्ञान लिया जाएगा. कई अधिकारियों से इस बारे में बात भी की गई. उनसे पूछा गया कि मूल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के मुद्दे पर क्या रुझान होने की उम्मीद है. उनका कहना है कि अगले साल यह रुझान सकारात्मक रहेगा. उनका कहना है कि हाल ही में सरकार ने अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि उनके काम के आधार पर देने का फैसला लिया है.
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इसके अलावा जो वेतन वद्धि की जाएगी वो अलग-अलग फेज में की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों को एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग फेज में वेतन बढ़ाकर दिया जाएगा. इसमें सबसे पहले लगभग 9 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जा रहा है. यह वृद्धि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी), भारतीय रेलवे कर्मचारियों, आईटीएस, और उन लोगों के लिए लागू होगी जो बीएसएनएल की प्रतिनियुक्ति पर हैं.
दरअसल एक साथ सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ सकता है. इससे बचने के लिए वेतन वृद्धि अलग-अलग चरण में की जा रही है. सरकारी कर्मचारियों को आशा नहीं खोनी चाहिए. सरकार ने फैसला किया है कि वह इस मुद्दे को चरणबद्ध तरीके से संबोधित करेगी और अगले चार से छह महीनों में लंबित मुद्दों को पूरी तरह से सुलझा लेगी.