7th Pay Commission: नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल वित्त मंत्रालय ने अपने उस आदेश में बदलाव किया है जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों को अपने एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में देनी थी. अब वित्त मंत्रालय ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड में एक दिन की सैलरी देना अनिवार्य नहीं है. कर्मचारी अपनी इच्छानुसार फंड में अपना योगदान कर सकते हैं. मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ प्रभावी लड़ाई लड़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पीएम केयर्स फंड बनाया गया है.
7th Pay Commission: नरेंद्र मोदी सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल वित्त मंत्रालय ने अपने आदेश उस आदेश में बदलाव कर दिया है, जिसमें उसने अपने सभी कर्मचारियों को मार्च 2021 तक हर महीने एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में देने का आदेश दिया था. मंत्रालय ने कर्मचारियों के लिए ऐसा करना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन अब मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारियों का ऐसा करना अनिवार्य नहीं होगा वह अपनी इच्छानुसार पीएम केयर्स फंड में दान कर सकते हैं.
बता दें कि वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जो कर्मचारी पीएम केयर्स फंड में अपना योगदान देना चाहते हैं, उन्हें रेवेन्यू डिपार्टमेंट को लिखित तौर पर इसकी जानकारी देनी होगी. इससे पहले आदेश यह था कि यदि कोई कर्मचारी अपना योगदान नहीं देना चाहता तो उसे लिखित तौर पर बताना होगा. इससे स्पष्ट है कि वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए पीएम केयर्स फंड में हर महीने एक दिन की सैलरी डोनेट करना अनिवार्य नहीं होगा. वित्त मंत्रालय की ओर से बीते 17 अप्रैल को मार्च 2021 तक योगदान करने वाला आदेश जारी किया गया था. सैलरी में एक दिन की यह कटौती मई के महीने से लागू की जानी थी.
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में दान करें. हालांकि अब यह अनिवार्य नहीं है. इससे केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में अब तक 1000 से ज्यादा मौते हो चुकी है और 33000 से ज्यादा लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं. मालूम हो कि कोरोना से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सरकार की तरफ से पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई है. फंड में अब तक रिलायंस ग्रुप, टाटा ग्रुप समेत तमाम दिग्गज कारोबारी समूहों की ओर से भी हजारों करोड़ रुपए की रकम जमा कराई जा चुकी है.
इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए अपने 1.5 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों के बढ़े हुए डीए पर रोक लगा चुकी है. 13 मार्च को ही डीए में 4 फीसदी इजाफे का ऐलान हुआ था, लेकिन अब यह फैसला वापस ले लिया गया है. इसके साथ ही जुलाई 2021 तक के लिए इजाफे को रोका गया है. केंद्र सरकार के फैसले के बाद यूपी, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल समेत देश के कई राज्यों में भी कर्मचारियों के डीए में इजाफे पर रोक और सैलरी में कटौती जैसे फैसले लिए गए हैं.
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