7th Pay Commission: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही केंद्रीय कर्मचारियों की मांग पर मुहर लगा दी है. दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी है. दरअसल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डियरेंस अलाउंस की अतिरिक्त किस्त को जारी करने का फैसला किया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले का फायदा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को देना होगा.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की है. मौजूदा वक्त में केंद्रीय कर्मचारियों को 17 फीसदी डियरेंस अलाउंस मिलता है. 4 फीसदी की बढ़ोतरी होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को अब 21 फीसदी डियरेंस अलाउंस मिलेगा. डियरेंस अलाउंस हुई इस बढ़ोतरी का सीधा फायदा 48.34 लाख कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में इस बात की जानकारी दी थी.
केंद्र सरकार इससे पहले केंद्रीय कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में बढ़ोतरी कर चुकी है. मालूम हो पिछले वर्ष अक्टूबर महीने दिवाली से पहले सरकार ने कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. अब जब एक बार फिर सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में बढ़ोतरी कर दी है तो कर्मचारियों के वेतन में हजारों रुपए का इजाफा होगा. कर्मचारी लंबे समय से डीए में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे.
मालूम हो कि केंद्रीय कर्मचारी डियरेंस अलाउंस में बढ़ोतरी के साथ-साथ सरकार से बेसिक सैलरी में भी बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय कर्मचारियों की मौजूदा समय में 18000 प्रति महीने बेसिक सैलरी के रूप में मिलते हैं. कर्मचारी बेसिक सैलरी में 8000 रुपए की बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ 2.57 फीसदी फिटमेंट फैक्टर मिलता है. कर्मचारी इसी फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं.
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सरकार सायद केंद्रीय कर्मचारियों की आवाज सुनना ही नहीं चाहती। मैं बड़े गौर से संसद की कार्रवाई देखता हूँ। माननीय सांसद और मंत्री जिनके विषय संसद की कार्यवाही में संसूचित होते हैं सिर्फ वही दिखाई देते हैं और पूरा सदन खाली होता है। कुछ तो सांसद सूची में नाम होने पर भी अनुपस्थिति होते हैं।
विचारणीय विषय यह है कि इन्हें, जिनको जनता का सेवक कहा जाता है वो क्या जनता से मिलते भी है?नहीं । इन्हें स्वर्गीय ऐश्वर्य और विलासिता भरा जीवन चाहिए। पर कर्मचारी, जिनके भरोसे से आनंदमय जीवन जीते हैं उनकी चिंता क्यों करें। ये है इसी योग्य है,ही ।
Bahut Sundar bat heye