7th pay commission: इंडियन रेलवे के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है सैलरी

7th pay commission 7th CPC: सातवें वेतन आयोग के तहत कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जाएगी. हालांकि हजारों रेलवे कर्मचारियों को इसका फायदा अभी तक नहीं मिला. लेकिन अब उन कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. अब कुछ रेलवे कर्मचारियों की सैलरी 30 प्रतिशत तक बढ़ाई जाएगी. टिकट चेकिंग स्टाफ को 400 से 500 रुपए तक का दिन का भत्ता मिलता है. लेकिन अब उन्हें रनिंग स्टाफ में शामिल किया जा सकता है जिन्हें दिन का भत्ता ज्यादा दिया जाएगा.

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7th pay commission: इंडियन रेलवे के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है सैलरी

Aanchal Pandey

  • December 26, 2018 10:08 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः 7th Pay Commission 7th CPC: हजारों भारतीय रेलवे कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन में वृद्धि के संशोधन की मांग अभी भी जारी है. इसी बीच कुछ लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. ये उन लोगों के लिए है जिन्हें कई दशकों से विशेष लाभ नहीं दिया गया है. उन्हें 87 साल पहले स्वतंत्रता सेनानियों की मदद करने के लिए अंग्रेजों ने विशेष दर्जे से वंचित कर दिया था. हालांकि, अब भारतीय रेलवे के टिकट चेकर रेलवे के रनिंग स्टाफ की पोजिशन वापस पा सकते हैं यदि सरकार द्वारा गठित एक समिति इसकी स्वीकृति दे देती है. ट्रेन के रनिंग स्टाफ में लोको ड्राइवर, सहायक लोको ड्राइवर, गार्ड, ब्रेकमैन और अन्य शामिल होते हैं जो ट्रेन के संचालन में मदद करते हैं. इन सभी को रनिंग स्टाफ कहा जाता है और इन्हें रेलवे की ओर से कई लाभ मिलते हैं जैसे ज्यादा भत्ते से लेकर ऐसी कमरे.

एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, ‘हालांकि टिकट चेकर के पास भी ये विशेष दर्जा होता था, लेकिन 1931 में स्वतंत्रता सेनानियों को ट्रेनों में सीट दिलवाने और उनके सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने में मदद करने के आरोप में इसे छीन लिया गया था.’ हाल ही में जारी एक आदेश में रेलवे मंत्रालय ने अगले तीन महीनों के अंदर इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक जनादेश के साथ तीन सदस्यों की एक समिति बनाई है. यहां तक ​​कि सातवें वेतन आयोग से की गई मांग अभी अटकी होने के बाद भी इन्हें 30 प्रतिशत अधिक वेतन और दिन का भत्ता ज्यादा मिल सकता है. रनिंग स्टाफ के रूप में, ट्रेन के ड्राइवरों और गार्डों को बहुत सारे लाभ मिलते हैं. टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों से उनका वेतन 30 प्रतिशत ज्यादा होता है. यहां तक की ट्रेन ड्राइवरों को केवल 10 घंटे की शिफ्ट में काम करना होता है और ट्रेन के देरी से चलने पर भी उन्हें राहत मिल जाती है.

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रनिंग स्टाफ को रोज का भत्ता भी मिलता है. जबकि टिकट जाँच करने वाले कर्मचारियों को दैनिक भत्ते के रूप में 400 से 500 रुपए मिलते हैं. रनिंग स्टाफ की तुलना में उनकी पेंशन भी 5,000 से 6,000 रुपये कम है. रनिंग स्टाफ को आराम करने के लिए ऐसी कमरे, खाने बनाने वाले, यहां तक की उन्हें समय से उठाने के लिए कर्मचारी भी मिलते हैं. अधिकारी ने बताया, ‘1947 में विभाजन के बाद टिकट चेकर्स को 1962 में पाकिस्तान में और 2004 में बांग्लादेश में रनिंग स्टाफ का दर्जा दिया गया और उन्हें लाभ भी दिए गए. वहीं भारत में इसी साल सितंबर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित लगभग 100 सांसदों ने अपने रनिंग स्टाफ की स्थिति में सुधार के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखे हैं.’

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