7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि सातवें वेतन आयोग के तहत उनको दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन में इजाफा किया जाए. हालांकि सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है. कहा जा रहा है कि अब इस पर विचार किया जा रहा है कि वेतन वृद्धि सातवें वेतन आयोग के तहत नहीं की जाएगी.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: यह कहना गलत नहीं होगा कि सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन बढ़ने को लेकर ये साल अब तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए निराशाजनक रहा है. एक बड़ा सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या भविष्य में और वेतन आयोग बनेंगे. अगर अगली बार सत्ता में आने वाली सरकार वेतन आयोग से दूर रहने का फैसला करती है तो बड़ा सवाल यह होगा कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि कैसे तय की जाएगी?
सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने बताया है कि चाहे कोई भी दल सत्ता में आए, अब वेतन बढ़ोतरी का निर्धारण करने वाला कोई वेतन आयोग नहीं होगा. अधिकारी ने कहा कि जब वेतन वृद्धि होनी होगी तो वो उस तारीख के मूल्य सूचकांक के आधार पर तय किया जाएगा. इसका मतलब यह होगा कि वेतन वृद्धि की समीक्षा दस साल के इंतजार के बजाय हर साल भी की जा सकती है. इसे अकारोइड सूत्र के रूप में जाना जाता है. अब से वेतन की समीक्षा उन बदलावों को ध्यान में रखकर की जाएगी जो एक आम आदमी की जरूरत को पूरा करने वाली वस्तुओं की कीमतों में होते हैं.
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ये समीक्षा शिमला में लेबर ब्यूरो द्वारा की जाएगी. कीमतों के आधार पर समीक्षा कई बार होगी, जिसके परिणामस्वरूप मूल्य वृद्धि कई बार होगी. इसके अलावा संशोधन उस वर्ष की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए एक वार्षिक आधार पर होगा. जहां प्रमोशन की बात आती है तो इस साल से एक नई रेटिंग प्रणाली भी शुरू की जाएगी.
नई रेटिंग प्रणाली के अनुसार सरकार किसी सरकारी कर्मचारी को प्रमोशन देने के लिए सार्वजनिक प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी. एक ग्रेडिंग सिस्टम तैयार किया गया है और 80 प्रतिशत वेटेज प्रमोशन के लिए पब्लिक फीडबैक पर होगा. संयोग से अकरोइड फॉर्मूला केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा क्योंकि वेतन वृद्धि की कई बार समीक्षा की जाएगी.
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