7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. अब से सरकारी कर्मचारी एंटरटेनमेंट अलाउंस के रूप एक निर्धारित प्रतिशत रकम का दावा कर सकते हैं. ये भत्ता राज्य और केंद्र सरकारी कर्मचारियों के लिए है. इसके तहत निर्धारित रकम प्रतिशत पर दावा किया जा सकता है. इसकी अनुमति आयकर विभाग द्वारा दी जाती है.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: सरकारी कर्मचारी को मिलने वाला वेतन और भत्ता, निजी क्षेत्र के कर्मियों से थोड़ा अलग होता है. एक सरकारी कर्मचारी का वेतन सकल आय, मकान किराया भत्ता, महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, भविष्य निधि और करों को मिलाकर होता है. इसमें पेंशन, एरियर और इंसेंटिव जैसे लाभ भी हैं.
दिलचस्प बात यह है कि आयकर विभाग भी अपने कर्मचारियों को धारा 16 (2) के तहत मनोरंजन भत्ता का दावा करने की अनुमति देता है. हालांकि, यह भत्ता निजी क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पूरी तरह से कर योग्य है और केवल केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए है. एक मनोरंजन भत्ता नियोक्ता द्वारा उनके कर्मचारियों को भोजन, होटल, पेय और यहां तक कि फिल्मों में उनके खर्च के लिए दिया जाता है. धारा 16 (2) के अनुसार, किसी नियोक्ता द्वारा निर्धारिती को विशेष रूप से मनोरंजन की प्रकृति में किसी भी भत्ते के संबंध में कटौती जो सरकार से वेतन प्राप्त करने में है.
वह राशि जो उसके वेतन के एक-पांचवें के बराबर है या कटौती के लिए 5,000 रुपये जो भी कम हो उसकी अनुमति है. यह किसी भी भत्ते, लाभ या अन्य अनुलाभ से अलग है. ये एक-पांचवां हिस्सा यानी सकल वेतन का 20 प्रतिशत है. साथ ही एक व्यक्ति अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय मनोरंजन भत्ते सहित धारा 16 के तहत वेतन से अपनी कटौती का दावा कर सकता है, जिसे आईटीआर फॉर्म 1 में दाखिल करने की आवश्यकता है. इसी तरह फार्म 16 में भी इसे भर सकते हैं.
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फॉर्म में टीडीएस का सबूत होता है जिसे आपके वेतन से काटकर अधिकारियों के पास जमा किया जाता है. हर साल 15 जून को या उससे पहले सालाना जारी किए गए फॉर्म में आपके आईटीआर को दर्ज करने के लिए आवश्यक जानकारी होती है. अब, आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा 31 जुलाई 2019 तक है. सरकारी कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने मनोरंजन भत्ते में कटौती को शामिल किया है.