7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: सरकारी कर्मचारियों को बहुत लंबे समय से उम्मीद थी कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और सातवें वेतन आयोग के तहत बड़े फैसले लेकर उन्हें लाभ पहुंचाएंगी. हालांकि चुनाव से पहले सरकार ने ऐसा नहीं किया. वहीं किसी भी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी सरकारी कर्मचारियों के लिए किसी तरह का कोई फायदा नहीं रखा.
नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: सातवें वेतन आयोग के तहत खुशखबरी का इंतजार कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों की उम्मीदें और धराशायी हो गई हैं. यह कई आश्वासनों के साथ शुरू हुआ, जिसमें मूल न्यूनतम वेतन के साथ-साथ फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाए जाने को लेकर विचार करने का आश्वासन मिला. सभी चर्चाओं, विचार-विमर्श और विनती के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की. लाखों कर्मचारियों को इस मामले में खुशखबरी मिलने का इंतजार ही करना पड़ रहा है.
केंद्र सरकारी कर्मचारियों के लिए आशा की एकमात्र किरण चुनावी घोषणापत्र थे जो हाल ही में प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा जारी किए गए थे. हालांकि किसी भी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में इस मुद्दे के बारे में नहीं बात की है और कोई अन्य आश्वासन भी नहीं दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ने अपने घोषणापत्र जारी किए, लेकिन केंद्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई वादा नहीं किया गया है. कई समुदाय हैं जो कृषक समुदाय से बाहर हो गए हैं, लेकिन जब केंद्र के सरकारी कर्मचारियों की बात आती है तो सभी दल मूक बने हुए हैं.
सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं जब रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि सरकार एक अंतिम निर्णय ले सकती है. आदर्श आचार संहिता लागू होने से एक महीने पहले कम से कम तीन कैबिनेट बैठकें हुईं. हालांकि, मंत्रिमंडल की किसी भी बैठक में वेतन वृद्धि का कोई उल्लेख नहीं किया गया था. एक बार आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, यह सरकारी कर्मचारियों के लिए निराशा थी क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार को कोई नीतिगत निर्णय या घोषणा करने की अनुमति नहीं है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए बनी आशा की एकमात्र किरण है अब आने वाली नई सरकार. इसके बाद ही वो इस संबंध में किसी प्रकार की घोषणा की उम्मीद कर सकते हैं. सरकार हालांकि संकेत दे रही है कि कोई और वेतन आयोग नहीं होगा और सातवां वेतन आयोग अंतिम था. इसका मतलब यह होगा कि मुद्रास्फीति के आधार पर और सालाना आधार पर वेतन तय करने की नई प्रणाली वही है जो भविष्य में सरकारी कर्मचारी उम्मीद कर सकते हैं.