7th Pay Commission: लोकसभा 2019 चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत का इजाफा किया है. अब तक केंद्रीय कर्मचारियों को 9 प्रतिशत डीए यानी महंगाई भत्ता मिलता था, जो अब बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की बड़ी सौगात दी है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए यानी महंगाई भत्ते में इजाफा करने का ऐलान किया है. सरकार ने 3 प्रतिशत डीएस बढ़ाया है. अब तक सरकारी कर्मचारियों को 9 प्रतिशत डीए मिलता था. सरकार की इस घोषणा के बाद अब उनका डीए 9 प्रतिशत हो गया है. कर्मचारियों को यह बढ़ी हुई सैलरी 1 जनवरी 2019 से मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
कर्मचारियों का डीए बढ़ने की अटकलें तब तेज हो गईं जब नेशनल जॉइंट काउंसिल एक्शन के चीफ शिव गोपाल मिश्रा ने इसके संकेत दिए. मोदी सरकार ने 15 जनवरी को राज्य सरकारों और सरकारी सहायता प्राप्त डिग्री तकनीकी संस्थानों के टीचर्स और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का फायदा देने वाले प्रोपोजल को मंजूरी दी थी. कैश और ट्रेजरी का काम देखने वाले कर्मचारियों का भत्ता 300 प्रतिशत बढ़ाने वाले प्रस्ताव को भी सरकार मंजूरी दे चुकी है. इससे पहले खुशखबरी जौनपुर स्थित पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के लिए भी आई थी.
यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में मानदेय पर काम कर रहे असोसिएट प्रोफेसर्स को भी 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाएगा. इलाहाबाद कोर्ट के इस आदेश के बाद सैकड़ों प्रोफेसरों की सैलरी बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट में सरकार ने तर्क दिया था कि मानदेय प्रोफेसर्स को न्यूनतम वेतन के अलावा समय-समय पर बढ़ने वाला डीए भी दिया जाता है. मानदेय टीचर्स को अब तक सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन नहीं मिलता. यह सिर्फ नियमित प्रोफेसर्स पर ही लागू है. लेकिन कोर्ट ने सरकार की यह दलील ठुकरा दी.
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