नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर अस्पतालों के डॉक्टरों ने लोगों को आगाह किया है. एक अडवाइजरी जारी कर डॉक्टरों ने दिल्ली में खासतौर पर बुजुर्ग लोगों को कहा है कि वह मॉर्निंग वॉक से बचें. डॉक्टरों का कहना है कि सुबह के समय PM2.5 का कॉन्सनट्रेशन और दूसरी जहरीली गैसों की मात्रा सबसे ज्यादा रहती है. इस अडवाइजरी को ‘माई राइट टु ब्रीद़’ कैंपेन के तहत जारी किया गया है कि ‘नियमित व्यायाम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन तब नहीं जब हम सांस लेते समय जहरीली हवा ले रहे हों.
बता दें कि ‘माई राइट टु ब्रीद्र’ कैंपेन के तहत अडवाइजरी जारी करने वाले समूह में कार्डिएक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहन, पल्मोनलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया और डॉ. नीरज जैन, सर्जन डॉ. अरविंद कुमार, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष महाजन, माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ. नवीन डैंग और फिजिशियन डॉ. अश्विनी चोपड़ा और डॉ. अलोक चोपड़ा का नाम भी शामिल है. डॉ. कुमार का कहना है कि सामान्य रूप से एक अडल्ट एक मिनट में करीब 6 लीटर हवा सांस के रूप में लेता है. व्यायाम करते समय करीब 20 लीटर तक हवा सांस के रूप में ले सकता है. डॉ. कुमार ने आगे बताते हुए कहा कि गुरुवार को मैंने 21 साल की लड़की का चेस्ट बॉयाप्सी के लिए खोला तो पाया कि लड़की के फेफड़े काले थे, इसका मतलब ये हुआ कि उसने काफी ज्यादा मात्रा में जहरीली हवा में सांस ली है.
सर गंगा राम अस्पताल के चेस्ट सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रमुख का कहना है कि, इतने ज्यादा प्रदूषण में मैराथन दौड़ने का अर्थ है कि फेफड़ों में लगभग दो चम्मच एश जमा होना. गौरतलब है कि इससे पहले योवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहन ने बताया था कि प्रदूषण के कारण दिल्ली में रहने वाले लोगों के फेफड़े काले हो रहे हैं.