पटना. कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती. इस बात को साबित कर दिया है 97 साल के बुजुर्ग राज कुमार वैश्य ने. इन्होंने उस मिथ्य को बुरी तरह से तोड़ दिया है, जिसमें सफलता को उम्र के पैमाने पर तौला जाता है.
दरअसल, राज कुमार वैश्य ने 97 साल की उम्र में एमए (अर्थशास्त्र) की परीक्षा पास की है. इन्होंने नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी से अपनी मास्टर की डीग्री पूरी की है. वैश्य ने आगरा यूनिवर्सिटी से वर्ष 1938 में स्नातक (बीए) की परीक्षा पास की थी. उसके बाद फिर 1940 में उन्होंने लॉ की डीग्री ले ली थी. उसके बाद नौकरी करने लगे.
राज कुमार वैश्य का जन्म 1 अप्रैल 1920 को उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में हुआ था. 1980 में वो करीब 39 साल कोडरमा के एक प्राइवेट फर्म में जेनरल मैनेजर की नौकरी करने के बाद वो रिटायर हुए थे.
इस वक्त उनकी उम्र 97 साल है, लेकिन उच्च शिक्षा पाने की लगन के चलते उन्होंने अब एमए की परीक्षा दी है और वे इस परीक्षा में पास भी हो गये हैं. उन्होंने बताया कि पारिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाने की वजह से वो मास्टर डीग्री पूरी नहीं कर पाए थे.
वैश्य अपने बेटे और परिवार के साथ रहते हैं. उनकी पत्नी का निधन हो चुका है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी बहु को दिया है जिसने टीवी देखना छोड़ दिया और उन्हें ज्यादा डिस्टर्ब नहीं किया. ताकि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगा सकें.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, खराब मौसम और काफी गर्मी के बावजूद वैश्य परीक्षा हॉल में बैठे और सबसे साथ अपने पेपर को दिया. अब उनका फोकस सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर आर्टिकल्स लिखने की है. खासतौर पर वैसे मुद्दों पर जो गरीबी और रोजगार से जुड़े हों. इनके जज्बे को सलाम करना तो बनता ही है.