नई दिल्ली : मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए देशभर में आयोजित होने वाली NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रांस टेस्ट) परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई से कहा कि 2018 के नए सत्र में एक कॉमन (कॉमन प्रश्न पत्र) प्रश्न पत्र होना चाहिए.
बता दें कि इस साल से NEET परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, उड़िया, बांग्ला, असामी, तेलुगू, तमिल और कन्नड भाषाओं में आयोजित की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए एक समान (कॉमन) प्रश्न पत्र (Question Paper) होना चाहिए. इस साल से NEET प्रश्न पत्र चाहे ही अलग-अलग भाषाओं में आए लेकिन परीक्षा का स्तर पहले जैसे ही कठिन होगा. बता दें कि 11.58 लाख छात्रों में से केवल 1.2 लाख छात्र ही स्थानीय भाषा में परीक्षा देते हैं.
छात्रों की कम ऑल इंडिया रेंकिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अलग भाषा के अलग प्रश्न पत्र की वजह से रेंकिंग पर असर पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने NEET परीक्षा को कैंसल करने की याचिका को खारिज कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार के इस कथन पर विचार किया कि वह मेडिकल पाठ्यक्रमों के 2018-19 के शैक्षणिक सत्र से नीट प्रवेश परीक्षा में उर्दू भाषा को भी शामिल करने के लिये तैयार है.