नई दिल्ली : उच्च न्यायालय ने आंसर शीट के पुन:मूल्यांकन मामले में 12वीं कक्षा के छात्रों को बड़ी राहत दी है, पुन:मूल्यांकन से इंकार करने वाली सीबीएसई की नीती को हाईकोर्ट ने गलत करार देते हुए निर्देश दिया है कि जो भी छात्र आवेदन करे उसकी उत्तर पुस्तिका को पुन:मूल्यांकन किया जाए.
अदालत का कहना है कि अगर पुन:मूल्यांकन न होने से किसी भी छात्र को नुकसान पहुंचता है तो उसकी भरपाई नहीं की जा सकती. बता दें कि केवल कुछ ही विषयों के लिए दोबारा जांच होगी, साथ ही सिर्फ जांच में 10 सवालों की ही लिमिट तय की गई है. एक सवाल की चेकिंग पर 100 रुपए की फीस निर्धारित की गई है साथ ही एक शर्त ये भी लगाई गई है कि अगर दोबारा जांच में 5 या उससे ज्यादा नंबर आते हैं ऐसी स्थिति में ही पुराने नंबर में बदलाव किया जाएगा.
मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में कहा है कि कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता छात्र ने जो सवाल उठाए हैं, उससे ऐसा लगता है कि अंतरिम आदेश का मामला बनता है और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता छात्र को कॉलेज में एडमिशन आदि पर असर हुआ होगा.
छात्र ने खंडपीठ के समक्ष दायर की अपनी याचिका में बताया है कि सीबीएसई ने इस मामले में अदालत में जो बयान दिया उससे अलग उसने 28 जून को इस बाबत एक नोटिस जारी किया और तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए है.