जमुई: बिहार में
रूबी राय या
गणेश कुमार जैसे लोगों के टीवी पर चलते इंटरव्यू को देखकर आपको लगता होगा कि बिहार में शिक्षा का स्तर कितना गिरा हुआ है. जाहिर है लगना भी चाहिए, क्योंकि आपने बिहार की शिक्षा व्यवस्था के बारे में सिर्फ इतना ही पढ़ा और देखा है लेकिन हम आज आपको बिहार में शिक्षा व्यवस्था की दूसरी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं.
शिक्षा का आदर्श सिमुलतला आवासीय विद्यालय है जहां से लगातार दूसरे साल मैट्रिक में टॉप करने वाले टॉप-10 में से 6 छात्र इसी स्कूल के पढ़े हुए हैं.
साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना तो नेतरहाट विद्यालय झारखंड में चला गया. इसके बाद से नेतरहाट के तर्ज पर स्कूल बनाने की मांग हुई और जन्म हुआ सिमुलतला आवासीय विद्यालय का जिसकी स्थापना साल 2010 में हुई.
लगातार दूसरी साल बनाया टॉपर का रिकॉर्ड
सिमुलतला स्कूल के छात्र लगातार पिछले दो सालों से मैट्रिक के नतीजों में जबर्रदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं. 2016 के टॉप 10 में इस स्कूल के 46 बच्चे शामिल थे वहीं इस साल 12वीं बोर्ड में भी सांइस की टॉपर खुशबू कुमारी इसी स्कूल की छात्रा है.
कैसे चलाया जाता है सिमुलतला आवासीय विद्यालय?
दरअसल सिमुलतला आवासीय विद्यालय को सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. इस विद्यालय का पूरा खर्च बिहार सरकार उठाती है. इस विद्यालय का संचालन सिमुलतला एजुकेशन सोसाइटी करती है. शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के महासचिव और जिले के डीएम और प्रिंसिपल मिलकर इस स्कूल का संचालन करते हैं.
क्या है दाखिले की प्रक्रिया?
जमुई जिले में पड़ने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया काफी कठिन है. यहां कक्षा 6 में नामांकन होता है जिसके लिए प्रदेश स्तर पर परीक्षा ली जाती है जिसमें बिहार के सभी जिलों के विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं.
6 से 12वीं तक पढ़ाई
सिमुलतला आवासीय विद्यालय पूरी तरह निशुल्क है जहां कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई होती है. हर साल यहां 120 विद्यार्थियों का दाखिला होता है जिनमें 60 छात्र और 60 छात्राएं होती हैं. इस स्कूल में एडमिशन लेने के लिए हजारो विद्यार्थी परीक्षा देते हैं.