पटना : इंटर के फर्जी आर्टस् टॉपर गणेश कुमार प्रकरण के बाद मैट्रिक के रिजल्ट में बिहार बोर्ड किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता. यही वजह है कि बिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट में हुए घोटाले और उससे हुई किरकरी से सबक लेते हुए मैट्रिक के रिजल्ट को लेकर काफी सचेत हो गया है और गड़बड़ियों को दूर करने के लिए बोर्ड हर तरह से कमर कस चुकी है.
बताया जा रहा है कि बिहार मैट्रिक का रिजल्ट 22 जून को आएगा मगर इससे पहले ही बोर्ड ने टॉपरों का सत्यापन कर लिया है. जी हां, टॉप टेन में आने वाले स्टूडेंट्स का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया गया है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटर रिजल्ट की तरह मैट्रिक रिजल्ट में टॉपर को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं हो, इसके लिए बिहार बोर्ड ने अलग-अलग करके तीन दिनों तक मैट्रिक के टॉप 10 में जगह बनाने वाले कई छात्रों का भौतिक सत्यापन कराया है.
इस बार उम्मीद की जा रही है कि इस बार कुल छात्रों की सफलता का प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा और 60 फीसदी से कम होगा. साथ ही उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि कि इस बार लड़कों की सफलता का प्रतिशत लड़कियों से बेहतर होगा. बता दें कि पिछली बार कुल 44.66 फीसदी बच्चे पास हुए थे.
बताया जा रहा है कि इस साल मैट्रिक के टॉप टेन में करीब 40 स्टूडेंट्स जगह बनाने में कामयाब हुए हैं. जिनमें से 15 सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र भी शामिल हैं. बता दें कि जमूई का ये विद्यालय टॉपर्स देने के मामले में प्रचलित रहा है. हालांकि, अभी भी टॉपरों की कॉपियों की बार-बार जांच हो रही है.
खबरों की मानें, तो टॉप छात्रों के वेरिफिकेशन में काफी सावधानी बरती गई है. साथ ही गोपनीयता का भी ख्याल रखा गया है. बताया जा रहा है कि गोपनीयता के मद्देनजर स्टेशन पर ही परीक्षार्थियों को रिसीव किया गया. साथ ही कुछ परीक्षार्थी सड़क मार्ग से राजधानी पहुंचे. इनसे बोर्ड कर्मी लगातार संपर्क में रहे. एक निश्चित स्थान पर उन्हें रिसीव किया गया और उन्हें यात्रा भत्ता भी दिया गया.
गौरतलब है कि इंटर आर्ट्स में फर्जी तरीके से गणेश के टॉप होने से बिहार बोर्ड और बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पूरे देश में किरकिरी हुई थी. हालांकि, जांच के बाद टॉपर को रद्द किया गया और उसे पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था. अब देखना होगा कि बिहार बोर्ड की इन तैयारियों का कैसा परिणाम होता है.