नई दिल्ली: आज जवाब तो देना होगा में सवाल उस जवाब पर जो बजट पेश हुए बजट के बाद मिला. आम आदमी जानना चाहता था कि मोदी सरकार जब नोटबंदी के बाद पहला बजट पेश करेगी तो उसके लिए उसमें क्या होगा. बजट पेश हुआ, जवाब भी मिला और अब सवाल ये कि क्या आम आदमी को वो मिला जो उसे चाहिए था. क्या सरकार ने लोकलुभावने वादे किए या बड़े रिफ़ॉर्म्स की बात की ? क्या चुनावों का असर भी दिखा बजट पर या सरकार ने एक साहसिक बजट पेश किया ?
2.5 लाख से 5 लाख की कमाई पर टैक्स 10 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी किया. अगर छूट को मिला दें तो 3 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 50 लाख से ज्यादा की कमाईवालों पर 10% और 1 करोड़ से ज्यादा की कमाईवालों पर 15% का सरचार्ज. 50 करोड़ तक की कमाईवाली छोटी कंपनियों के लिए टैक्स 30% से घटाकर 25% किया. 3 लाख रुपए से ज्यादा के कैश लेनदेन पर रोक. राजनीतिक दल 2 हज़ार से ज्यादा कैश अनुदान नहीं ले पाएंगे. पहले ये सीमा 20 हज़ार रुपए थी.
रेल किरायों में कोई बढ़ोतरी नहीं. किसी नई ट्रेन की घोषणा नहीं. IRCTC से टिकट बुक करने पर ट्रांसैक्शन चार्ज नहीं. रेल सुरक्षा पर ज़ोर, रेल संरक्षा कोष के लिए 5 साल में दिए जाएंगे 1 लाख करोड़ रुपए. सेना के लोगों के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करने की सुविधा. मूलभूत ढांचों के विकास के लिए 3 लाख 96 हज़ार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे. झारखंड और गुजरात में 2 AIIMS खुलेंगे. मनरेगा के लिए 48 हज़ार करोड़ आवंटित जो आज तक का सबसे बड़ा आवंटन.
किसानों को 10 लाख करोड़ कर्ज़ देने का लक्ष्य. मिशन मोड में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की जाएगी. मोबाइल और डेबिट कार्ड रहित लोगों के लिए ‘आधार पे’ लाया जाएगा. 2018 तक देश के हर कोने में बिजली. सर्विस टैक्स में कोई इज़ाफ़ा नहीं किया गया. रक्षा के लिए 2 लाख 74 हज़ार 114 करोड़ का बजट.
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