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धर्मयुद्ध: क्या दलितों को खास मकसद से अलग किया जा रहा है ?

धर्मांतरण को लेकर सदियों से हिन्दुस्तान में बहस चलती आ रही है, लेकिन यह बहस आज तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. कोई कहता है कि जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया, तो कोई कहता है कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से पैसे आते हैं.

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  • December 4, 2016 6:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : धर्मांतरण को लेकर सदियों से हिन्दुस्तान में बहस चलती आ रही है, लेकिन यह बहस आज तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. कोई कहता है कि जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया, तो कोई कहता है कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से पैसे आते हैं.
 
आज काशी में इंडिया न्यूज के खास शो जन गण मन में इसी मुद्दे पर बहस हुई, जिसमें कई धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान धर्मगुरु जितेंद्रानंद जी ने कहा कि धर्मांतरण एक राजनीतिक साजिश है और 1986 में 36 हजार हिंदुओं का धर्मांतरण एकसाथ हुआ. कांची के शंकराचार्य ने 76 हजार धर्मांतरण करने वालों की घर वापसी कराई.
 
वहीं इंडिया न्यूज के आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा ने कहा कि धर्मांतरण कराने के लिए विदेश से पैसा आता है. धर्मांतरण एक सोची-समझी साजिश है. धर्मांतरण नहीं काम बदलने से सम्मान मिलेगा. वहीं बहस के दौरान मोहम्मद अब्दुल बासित ने कहा कि हिंदुस्तान के ज्यादातर मुसलमान धर्मांतरण से आए हैं.
 
वीडियो में देखें पूरा शो

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