जन-गण-मन: इस्लाम में महिला-पुरष की बराबरी पर सबसे बड़ी बहस

क्या मुस्लिम मर्दों की तरह मुस्लिम महिलाएं भी अपने शौहर को तीन बार तलाक बोलकर शादी का रिश्ता खत्म कर सकती है ? ये सवाल इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम धर्मगुरु ने फतवा जारी करके कहा है कि अगर निकाह से पहले करार हो जाए और शौहर की सहमति हो तो बीवी भी तलाक देने के हक का इस्तेमाल कर सकती है.

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जन-गण-मन: इस्लाम में महिला-पुरष की बराबरी पर सबसे बड़ी बहस

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  • August 28, 2016 5:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. क्या मुस्लिम मर्दों की तरह मुस्लिम महिलाएं भी अपने शौहर को तीन बार तलाक बोलकर शादी का रिश्ता खत्म कर सकती है ? ये सवाल इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम धर्मगुरु ने फतवा जारी करके कहा है कि अगर निकाह से पहले करार हो जाए और शौहर की सहमति हो तो बीवी भी तलाक देने के हक का इस्तेमाल कर सकती है. 
 
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भारत की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था बरेली मरकज ने कहा है कि शौहर के जुल्म और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को तलाक लेकर अलग होने का पूरा अधिकार है. बरेली मरकज ने यह बात एक फतवे में कही है. बता दें कि शरीयत में तलाक का अधिकार सिर्फ पुरुष को है, लेकिन नई परिभाषा में साफ किया गया है कि पत्नी भी अपने शौहर को तलाक दे सकती है.
 
इस फतवे के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं समेत पूरे देश में एक बार फिर ये बहस तेज हो गई है कि शरीयत में तलाक का क्या मतलब है और क्या इस मामले में मुस्लिम महिलाएं भी मर्दों की बराबरी कर सकती हैं.
 
इंडिया न्यूज के खास शो ‘जन गण मन‘ में पेश है इस अहम मुद्दे पर चर्चा. 
 
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो

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