नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है.बता दें दस साल बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहा हैं.सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिए हैं.आज हम आपको राजपोरा विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं.यह पुलवामा जिले के तहत आती है.2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी के हसीब द्राबू ने नेशनल कांफ्रेंस के
गुलाम मोहि-उद-दीन मीर को 4,273 वोटों के मार्जिन से हराया था. इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन और पीडीपी सहित अन्य छोटे दल चुनाव लड़ रहे हैं.इस बार राजपोरा सीट का परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होगा यह जनता को तय करना है.
राजपोरा सीट पर 1962 से लेकर 2014 तक दस बार चुनाव हुए है. 1962 के पहले विधानसभा चुनाव में गुलाम मोहम्मद राजपोरी ने चुनाव जीता था.1967 के चुनाव में गुलाम मोहम्मद राजपोरी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. 1972 के चुनाव में भी कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया था.1996 के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी गुलाम मोहि-उद-दीन मीर ने चुनाव जीते थे.2002 से 2014 तक इस सीट पर पीडीपी का कब्जा था.कुल मिलाकर कहे तो राजपोरा सीट पर नेशनल कांफ्रेंस ,कांग्रेस और पीडीपी का कब्जा रहा है.
राजपोरा सीट पीडीपी का गढ़ रहा है. 2002 से लेकर 2014 तक इस सीट पर लगातार पीडीपी चुनाव जीतते आ रही है. 2002 के चुनाव में पीडीपी के सैयद बशीर अहमद शाह ने चुनाव जीता था.2008 के चुनाव में पीडीपी ने सैयद बशीर अहमद शाह को फिर से चुनावी मैदान में उतारा था और उन्होंने जीत हासिल की थी.2014 के चुनाव में पीडीपी ने हसीब द्राबू पर दांव लगाया था.हसीब द्राबू ने चुनाव में जीत हासिल की थी.
2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी के हसीब द्राबू ने चुनाव जीता था.उन्हें 18,103 वोट मिले थे.उनका वोट शेयर 36.95 था.वहीं दूसरे नबंर पर नेशनल कांफ्रेंस के गुलाम मोहि-उद-दीन मीर थे.उन्हें 13,830 वोट मिले थे.उनका वोट शेयर 28.23 % था.तीसरे नबंर पर निर्दलीय उम्मीदवार घ.नबी वानी थे.उन्हें 6,477 वोट मिले थे.
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