कोलकाता. भारत में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल कोलकाता के इडन गार्डन स्टेडियम पर होना है. 65 हजार लोगों की तादाद वाला यह स्टेडियम अपनी नई जल निकासी व्यवस्था के साथ मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार है. हर क्रिकेट खिलाड़ी के लिए इडन गार्डन में खेलना सपना होता है. भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने कहा है, “यह विशेष मैदान है. यहां खेलना शानदार होता है.”
इस स्टेडियम में पहला मैच 1934 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था जोकि भारत का दूसरा टेस्ट मैच था. इडन के लिए ऐतिहासिक मौका 1987 में आया. इस मैदान ने 1987 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच की मेजबानी की थी जिसे आस्ट्रेलिया ने जीता था.
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने जब इडन को टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल की मेजबानी सौंपी थी तो सवाल खड़ा हुआ था कि अगर बारिश ने मैच में बाधा डाली तो मैच का आयोजन कैसे होगा. सवाल जायज भी है, क्योंकि इससे पहले दो बार मैच के दौरान जब बारिश हुई तो मैच को रद्द करना पड़ा था.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण में कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुआ मैच और पिछले साल अक्टूबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए मैंच में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी.
इससे उलट बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने कहा है कि इस बार बारिश किसी भी हालत में मैच में बाधा नहीं बनेगी. सीएबी के नवनियुक्त अध्यक्ष पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली की आगुआई में बोर्ड स्टेडियम के जल निकासी तंत्र को सुधारने की भरपूर कोशिश कर रहा है.
सीएबी की मैदान समिति के मुखिया देबब्रत दास ने कहा, “हमने जल निकासी की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली की एक कंपनी को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके अलावा हम बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर दलजीत सिंह की भी सलाह ले रहे हैं. साथ ही हम पूर्व क्षेत्र के क्यूरेटर आशीष भौमिक, इडन गार्डन्स के क्यूरेटर सुजान मुखर्जी, और मैं इस पर एक टीम की तरह काम कर रहे हैं.” दास ने कहा, “अगर चार घंटे भी बारिश होती है तो हम 20 मिनट में मैदान सूखा सकते हैं। अब सिर्फ बाढ़ ही इडन पर मैच रोक सकती है.”
पिछली बार जब यहां मैच खेला गया था तो तत्कालीन पिच क्यूरेटर प्रबिर मुखर्जी ने कहा था कि यहां मैदान को ढकने के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है. लेकिन अब चार महीने बाद हमारे पास आधुनिक सुविधाएं हैं जिसके चलते हम ऐसी दिक्कतों से बच सकते हैं. उन्होंने कहा, “हमारे पास नए पिच कवर हैं जो हल्के हैं और जिन्हें आसानी से लपेटा जा सकता है. मैदान के आधुनिक कवर भी जल्द ही हमारे पास होंगे.”