नई दिल्ली। कई बार आपने यह नोटिस किया होगा कि जब आप आप गुस्से या स्ट्रेस में होते है तो आप कोई मीठी या अपनी पसंदीदा चीज खाना पसंद करते हो जिससे आपका मूड चेंज हो जाता है या अच्छा हो जाता है. ऐसे ही कई खट्टी मीठी और तीखी चीजे हैं जिनको खाने […]
नई दिल्ली। कई बार आपने यह नोटिस किया होगा कि जब आप आप गुस्से या स्ट्रेस में होते है तो आप कोई मीठी या अपनी पसंदीदा चीज खाना पसंद करते हो जिससे आपका मूड चेंज हो जाता है या अच्छा हो जाता है. ऐसे ही कई खट्टी मीठी और तीखी चीजे हैं जिनको खाने या उनकी क्रेविंग से आपका मूड अलग अलग रंग को दर्शाता है. जी हां, ऐसा ही होता है. वहीं यदि आप कुछ हेल्दी या अनहेल्दी चीजें खाते है तो भी आपका पेट यानी आपका मूड उस चीज को दर्शाता है गिल्ट फील कर के. आपका पेट अनहेल्दी चीजों को पहचानता है और पेट ही आपके मूड का असर करता है. यह आपको इनडिकेट करता है कि जो खाया है वो कितना हेल्दी है कितना नहीं.
जब भी आप कोई अनहेल्दी चीज खाते है तो आपका पेट खराब हो जाता है जिसके कारण आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है. और इसका सीधा असर आपके मूड पर पड़ता है मतलब मूड खराब हो जाता है. तो इससे यह साफ पता चलता है कि आपका शरीर उस फूड को अच्छा नही मानता. फूड, मूड और पेट तीनों का ही एक कनेक्शन है.
यदि आप कोई तली या रसायन युक्त चीजे खाते हैं तो आपका मूड उदास हो जाता है जिसका सीधा प्रभाव आपके पेट से होता है. यह आपके स्ट्रेस को भी बढ़ा देता है. इसका संकेत आपको अपने पेट से मिल जाता है लेकिन हम इसे नज़रअंदाज कर देते हैं.
हमारा पेट खरबों बैक्टीरिया का घर है, जिसे गट माइक्रोबायोम के रूप में जाना जाता है. हमारे पेट में अच्छे बैक्टीरिया स्ट्रेस हॉर्मोन को दबाने में हेल्प करते है और काफी आराम फील कराते हैं. आप जब भी कुछ प्रोसेस्ड, फ़्राइड फूड या चीनी खाते हैं तो बेड बैक्टीरिया आपके पेट के साथ मूड पर भी प्रभाव डालता है. आपने अनुभव भी किया होगा कि यदि आप कुछ हेल्दी खाते हैं तो आपका मूड काफी अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको गिल्ट फील नही होता.