नई दिल्ली : लंग कैंसर अब स्मोकिंग करने वालों को नहीं, बल्किधूम्रपान ना को भी अपना शिकार बना रहा हैं। हाल ही में एक स्टडी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में लंग कैन्सर के आधे से ज्यादा मरीज नॉन स्मोकर्स हैं। ऐसे में यह समझना बहुत जरुरी है की सिगरेट-बीड़ी नहीं […]
नई दिल्ली : लंग कैंसर अब स्मोकिंग करने वालों को नहीं, बल्किधूम्रपान ना को भी अपना शिकार बना रहा हैं। हाल ही में एक स्टडी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में लंग कैन्सर के आधे से ज्यादा मरीज नॉन स्मोकर्स हैं। ऐसे में यह समझना बहुत जरुरी है की सिगरेट-बीड़ी नहीं पीने वाले लोग कैसे लंग कैंसर के मरीज बन जा रहे हैं।
लंग कैंसर को लेकर एक चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है। स्टडी में सामने आया है कि भारत में लंग कैंसर युवाओं में तेजी से फैल रहा हैं। हैरान करने वाली एक बात यह है कि लंग कैंसर के ज्यादातर मरीज वो हैं, जिन्हेंने कभी स्मोकिंग नहीं की।
साइंस जर्नल ‘लैंसेट’ में साउथ ईस्ट एशिया में लंग कैंसर पर एक स्टडी छपी हैं. इसमें बताया गया है की 2020 में दुनिया में लंग कैंसर के 22 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए थे, जबकि लगभग 18 लाख लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, साल 2020 में भारत में लंग कैंसर के 72,540 नए मरीज मिले थे। भारत में 2020 में कैंसर से जितनी मौत हो गई थी, उनमें से 7.8% लंग कैंसर के कारण हुई थीं।
पहला: स्टडी में बताया गया है कि भारत में लंग कैंसर का पता चलने की औसत उम्र पश्चिमी देशों की तुलना में 10 साल काम है। हालाँकि, इसकी एक वजह यह भी है कि भारत में युवा आबादी है। पश्चिम देशों में लंग कैंसर का पता 50 से 70 साल की उम्र के बीच चलता है। अमेरिका में औसत उम्र 38 साल और चीन में 39 साल हैं।
दूसरा: भारत में फेफड़ों का कैंसर तेजी से फैल रहा हैं।1990 में भारत में हर एक लाख आबादी पर लंग कैंसर की दर 6.62थी, जो 2019 में बढ़कर 7.7 हो गई, यानी 2019 में हर एक लाख लोग में से 7.7 लोग लांग कैंसर से पीड़ित थे। 1990 से 2019 के दौरान यही पुरुषों में 10.36 से बढ़कर 11.16 और महिलाओं में 2.68 से 4.49 हो गई है।
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