नई दिल्ली: इन दिनों दुनिया भर में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स या एमपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं से उनके गर्भ में पल रहे शिशुओं को भी संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश में […]
नई दिल्ली: इन दिनों दुनिया भर में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स या एमपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं से उनके गर्भ में पल रहे शिशुओं को भी संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश में एमपॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
डब्ल्यूएचओ ने वायरस के बारे में अपडेट दते हुए यह जानकारी शेयर की है कि गर्भावस्था के दौरान इस संक्रमण का खतरा अधिक होता है, और यह वायरस भ्रूण तक भी पहुंच सकता है। इसके अलावा, जन्म के समय या उसके बाद त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने पर भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा यह यौन संबंध बनाने या किसी संक्रमित व्यक्ति की छुई गई चीजों को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें इस वायरस के संक्रमण नहीं मिले। हालांकि वह लोग संक्रमित पाए गए. संक्रमित व्यक्तियों के शुक्राणुओं में भी एमपॉक्स वायरस पाया गया है, लेकिन शुक्राणु, योनी के फ्लुइड या मां के दूध से संक्रमण फैलने के खतरे के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार एमपॉक्स की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक की,जिसमें देश में एमपॉक्स की तैयारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. डब्ल्यूएचओ की जानकारी के अनुसार दुनियाभर में इस साल अब तक 15,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 500 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बता दें, एमपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में दो से चार सप्ताह का समय लग सकता है। फिलहाल सभी को यह सलाह दी गई कि वह संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें।
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