देश भर में कोरोना का कहर थमने को है. ऐसे में कोरोना को रोकने में सबसे ज़्यादा कारगर वैक्सीन ही रही है. भारत में वैक्सीनेशन का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, देश में अब तक 70 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. लेकिन, अब तक भारत की कोविशील्ड और कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी थी, अब खबरों की माने तो WHO कोविशील्ड और कोवैक्सीन ( WHO Vaccine Approval ) को मंजूरी देने वाली है.
भारत में व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है, ऐसे में भारत बायोटेक के कोरोना-रोधी टीके कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी इसी सप्ताह मिलने उम्मीद है. अब तक भारत के वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी है, जिसके चलते विदेश जाने वाले भारतीयों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा. हालांकि कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल कराने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज भारत बायोटेक द्वारा डब्ल्यूएचओ को नौ जुलाई तक जमा कर दिए गए थे और एजेंसी द्वारा समीक्षा प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी. ऐसे में जल्द ही कोवैक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वर्तमान में डब्ल्यूएचओ ने फाइजर-बायोटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एस्ट्राजेनेका ईयू, जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म के टीकों को आपात उपयोग के लिए मंजूरी दी है.
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