जहां खूब बर्फबारी होती है. नए साल में भी बड़ी संख्या में पर्यटक ऐसी जगहों पर जाने का प्लान बना रहे हैं.
नई दिल्ली: सर्दियों में बर्फबारी देखने का अपना अलग ही मजा है. ठंड के मौसम में ज्यादातर लोग शिमला-मनाली-लद्दाख या श्रीनगर जाने का प्लान बनाते हैं. जहां खूब बर्फबारी होती है. नए साल में भी बड़ी संख्या में पर्यटक ऐसी जगहों पर जाने का प्लान बना रहे हैं. ऐसे में यात्रा के लिए ठोस योजना बनाने की जरूरत है. बर्फबारी के बाद ऐसी जगहों की सड़कें काफी फिसलन भरी हो जाती हैं. बर्फबारी रुकने के बाद अक्सर पर्यटक घूमने निकलते हैं और फिसलन भरी सड़कों के कारण गिर जाते हैं.
हर साल हिल स्टेशनों पर कई लोगों की हड्डियां टूटने की खबरें आती हैं. ऐसे में ऐसी जगहों पर जाते समय कुछ गलतियों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, वरना एक साथ कई हड्डियां टूट सकती हैं.
बर्फबारी के दौरान या जिन जगहों पर भारी बर्फबारी हुई है, वहां सबसे बड़ी समस्या हिमस्खलन की होती है, जो खतरनाक हो सकता है. सबसे बड़ी चुनौती खुद को इससे बचाना है. हिमस्खलन में बर्फ की छोटी-छोटी चट्टानों के नीचे दबने से हड्डियाँ टूट सकती हैं. इससे मौत भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में आपको तुरंत ऐसी जगह चले जाना चाहिए जहाँ आपकी जान बच सके.
अगर आप बर्फीले इलाकों में घूमने जा रहे हैं तो कई बार रास्ता भटक जाने का डर रहता है. इतना ही नहीं ठंड की वजह से हाइपोथर्मिया हो सकता है या हड्डियों में चोट लगने की वजह से ज्यादा दर्द हो सकता है. ऐसी स्थिति में आप शरीर को गर्म रखने के लिए आग जला सकते हैं. इससे दर्द कम हो सकता है.इसलिए जब भी आप ऐसी जगहों पर जाएं तो अपने साथ वो चीजें जरूर रखें जिनसे आग जलाई जा सके.
अगर आप बर्फीली जगह घूमने जा रहे हैं और आपके कपड़े गीले हो गए हैं, तो उन्हें तुरंत उतार दें. क्योंकि इससे तापमान में कमी के कारण शरीर को गंभीर नुकसान हो सकता है. दूसरा, फिसलने का खतरा अधिक रहता है, जिससे हड्डियों को गंभीर चोट लग सकती है.
अगर आप बर्फीली जगहों पर जाते हैं, तो मौज-मस्ती के लिए स्नोबोर्डिंग, आइस स्केटिंग, आइस क्लाइम्बिंग और स्नो स्लेजिंग जैसे खेल खेलने से बचें। क्योंकि बिना अनुभव के ऐसा करने से फिसलन हो सकती है और हड्डियाँ टूट सकती हैं।
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