प्रदूषण और खान-पान की खराब आदतों के कारण हम गंभीर बीमारियों के घेरे में जी रहे हैं। जरा सी लापरवाही और जिंदगी बर्बाद समझो। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। सीओपीडी कान, नाक और गले (ईएनटी) को भी प्रभावित करता है, जिस पर कम चर्चा होती है।
नई दिल्ली: प्रदूषण और खान-पान की खराब आदतों के कारण हम गंभीर बीमारियों के घेरे में जी रहे हैं। जरा सी लापरवाही और जिंदगी बर्बाद समझो। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। भारत में इस बीमारी के 5.5 करोड़ मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे यह देश में मौत और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है।
सीओपीडी का मुख्य कारण हानिकारक पदार्थों (जैसे तंबाकू का धुआं, वायु प्रदूषण और औद्योगिक धूल) के संपर्क में लंबे समय तक रहना है। इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत, खांसी और थकान शामिल हैं। लेकिन यह सिर्फ फेफड़ों तक ही सीमित नहीं है। सीओपीडी कान, नाक और गले (ईएनटी) को भी प्रभावित करता है, जिस पर कम चर्चा होती है।
सुनने में तकलीफ: फेफड़ों के खराब कामकाज से ऑक्सीजन की कमी होती है, जो आंतरिक कान (कोक्लीअ) को प्रभावित करती है। इससे धीरे-धीरे सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है।
कान में संक्रमण: बलगम का जमा होना और नाक बंद होना मध्य कान में संक्रमण का कारण बन सकता है।
साइनस की समस्या: सीओपीडी से जुड़ी सूजन नाक और साइनस को प्रभावित कर सकती है, जिससे क्रोनिक साइनसाइटिस और नाक बंद हो सकती है।
आवाज में बदलाव: लगातार खांसी और गले में जलन से आवाज भारी या थकी हुई लग सकती है।
नियमित जाँच: ईएनटी विशेषज्ञ और पल्मोनोलॉजिस्ट से नियमित जाँच करवाएँ।
जीवनशैली में बदलाव: धूम्रपान से बचें और वायु प्रदूषण से बचने की कोशिश करें।
सही दवाएं: सीओपीडी और ईएनटी लक्षणों को कम करने के लिए दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करें।
हाइड्रेशन और ह्यूमिडिफिकेशन: पर्याप्त पानी पिएं और गले और नाक को नम रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
समय पर निदान और रोकथाम के प्रयासों से इस बीमारी के नुकसान को कम किया जा सकता है।
Disclaimer: यह समाचार केवल आपको जागरूक करने के लिए लिखा गया है। हमने इसे लिखने में सामान्य जानकारी की मदद ली है। अगर आप कहीं भी अपने स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बात पढ़ते हैं, तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ेंः- लेमन टी के साथ कभी न खाएं ये चीजें, डायबिटीज मरीज भूलकर भी न करें…