बवासीर जैसी गंभीर बीमारी का जड़ से खत्मा कर देगा ये पत्ता, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

नई दिल्ली: बवासीर, जिसे हेमोराइड्स भी कहा जाता है, एक आम समस्या है जिससे कई लोग पीड़ित होते हैं। इस बीमारी में गुदा के अंदर या बाहर सूजन और दर्द होता है। कई लोग इससे राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसके घरेलू उपाय भी मौजूद हैं जो बिना […]

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बवासीर जैसी गंभीर बीमारी का जड़ से खत्मा कर देगा ये पत्ता, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

Shweta Rajput

  • September 2, 2024 12:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: बवासीर, जिसे हेमोराइड्स भी कहा जाता है, एक आम समस्या है जिससे कई लोग पीड़ित होते हैं। इस बीमारी में गुदा के अंदर या बाहर सूजन और दर्द होता है। कई लोग इससे राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसके घरेलू उपाय भी मौजूद हैं जो बिना किसी दुष्प्रभाव के राहत प्रदान कर सकते हैं। ऐसे ही एक उपाय के रूप में पान का पत्ता उभर कर सामने आया है।

पान के पत्ते का उपयोग कैसे करें?

पान का पत्ता आमतौर पर मसाले और माउथ फ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इस्तेमाल बवासीर जैसी समस्या से भी छुटकारा दिला सकता है? इसके पीछे का कारण है पान के पत्ते में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। पान का पत्ता एक प्राकृतिक और सस्ता उपाय है, जो बवासीर की समस्या से राहत दिला सकता है। हालांकि, इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। यदि इस उपाय का सही ढंग से और नियमित रूप से उपयोग किया जाए, तो बवासीर की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

पान के पत्ते के लाभ

1. सूजन कम करता है: पान के पत्ते में मौजूद गुण सूजन को कम करने में सहायक होते हैं, जिससे बवासीर की समस्या में राहत मिलती है। इसके लिए 4-5 पत्तों को पीस कर इसका पेस्ट सूजन वाली जगह पर लगाने से आपको फायदा मिल सकता है।

2. रक्तस्राव को रोकता है: पान के पत्ते का नियमित उपयोग रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है, जो बवासीर के मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या होती है। इसके लिए आप रोजाना 10-15 पत्तों को उबाल कर उनका पानी पी सकते हैं। इससे बवासीर से ग्रस्त लोगों को काफा राहत मिलेगी।

3. पाचन में सुधार करता है: पान के पत्ते का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं नहीं होतीं और बवासीर की समस्या से बचाव होता है। इसमें मौजूद गुण मलत्याग के दौरान होने वाली परेशानी कम कर सकता है।

उपयोग की विधि

1. ताजे पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं: इसके लिए कुछ ताजे पान के पत्तों को धोकर, उन्हें पीसकर एक पेस्ट तैयार करें।

2. पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं: तैयार पेस्ट को मलद्वार के आसपास के प्रभावित क्षेत्र पर धीरे-धीरे लगाएं। इसे कुछ समय तक छोड़ दें और फिर हल्के गुनगुने पानी से धो लें।

3. पान के पत्ते का रस पिएं: आप पान के पत्तों का रस निकालकर उसे पी भी सकते हैं। यह आंतरिक सूजन को कम करने में मदद करेगा।

4. दिन में दो बार करें उपयोग: बेहतर परिणामों के लिए इसे दिन में दो बार प्रयोग करें, एक बार सुबह और एक बार रात को सोने से पहले।

बरते ये सावधानियाँ

डॉक्टर की सलाह लें: यदि आप किसी भी प्रकार की त्वचा एलर्जी से ग्रसित हैं या बवासीर की समस्या गंभीर है, तो इस उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

अत्यधिक उपयोग न करें: पान के पत्ते का अत्यधिक उपयोग भी नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही प्रयोग करें।

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