नई दिल्ली: फेफड़ों में पानी भरना, जिसे आम भाषा में फुफ्फुसप्रद (Pulmonary Edema) कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है जो तुरंत चिकित्सकीय देखभाल की मांग करती है। इस स्थिति में, फेफड़ों में तरल पदार्थ का संचय हो जाता है, जिससे श्वास लेने में कठिनाई होती है। यह स्थिति हृदय रोग, गुर्दे की समस्या, या गंभीर संक्रमण के परिणामस्वरूप हो सकती है। आइए विस्तार से जानें फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण और इसके उपचार के बारे में।

फेफड़ों में पानी भरने के मुख्य लक्षण

1. श्वास लेने में कठिनाई: यह सबसे प्रमुख लक्षण है। सामान्य स्थिति में भी श्वास लेना कठिन हो सकता है, और गतिविधि के दौरान यह समस्या और बढ़ जाती है।

2. खाँसी: फेफड़ों में तरल पदार्थ के कारण लगातार खाँसी हो सकती है। खाँसी के साथ फेफड़ों से झागदार बलगम निकल सकता है, जो सफेद या गुलाबी रंग का हो सकता है।

3. शरीर में सूजन: फेफड़ों में पानी भरने के कारण पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है। इस स्थिति को पेरिफेरल एडीमा (Peripheral Edema) कहा जाता है।

4. थकान और कमजोरी: श्वास लेने में कठिनाई के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।

5. तेज दिल की धड़कन: दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिसे टेकीकार्डिया (Tachycardia) कहते हैं। यह हृदय के अधिक काम करने के कारण होता है।

6. नाइट्रोजन की कमी: इस स्थिति में व्यक्ति को अचानक जागने पर सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, जिसे पेरॉक्सिस्मल नॉक्चर्नल डाईस्प्निया (Paroxysmal Nocturnal Dyspnea) कहा जाता है।

फेफड़ों में पानी भरने के कारण

1. हृदय संबंधी समस्याएं: सबसे आम कारणों में से एक हृदय की विफलता (Heart Failure) है। जब हृदय प्रभावी रूप से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो रक्त फेफड़ों में वापस लौटता है और तरल पदार्थ के रूप में जमा हो जाता है।

2. किडनी की समस्याएं: गुर्दे की विफलता के कारण शरीर में तरल पदार्थ की अति संचय हो सकती है, जिससे फेफड़ों में पानी भर सकता है।

3. संक्रमण होना: निमोनिया या अन्य संक्रमण भी फेफड़ों में तरल पदार्थ के संचय का कारण बन सकते हैं।

4. उच्च ऊँचाई पर रहना: उच्च ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण फेफड़ों में पानी भर सकता है। इसे उच्च ऊँचाई फुफ्फुसप्रद (High Altitude Pulmonary Edema) कहा जाता है।

क्या है इसका उपचार

दिल और फेफड़ों की सेहत को बनाए रखने के लिए, व्यक्ति को अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार करना होता है, जैसे कि संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान से बचना। रोगी को अतिरिक्त ऑक्सीजन दी जाती है ताकि श्वसन को सुधार सके। कम नमक वाला आहार और नियमित व्यायाम फेफड़ों में पानी भरने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। फेफड़ों में पानी भरना एक गंभीर स्थिति है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है। इसलिए, इसके लक्षणों को पहचानना और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। सही उपचार और प्रबंधन के माध्यम से, इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और व्यक्ति की जीवन की गुणवत्ता को सुधार जा सकता है।

Also Read…

अगले तीन दिन कैसा रहेगा दिल्ली-NCR समेत इन राज्यों का मौसम, गुजरात, महाराष्ट्र में जारी अलर्ट

Shweta Rajput

Recent Posts

आईपीएल मॉक ऑक्शन में पंजाब ने लगाया सबसे बड़ा दांव, जानिए कौन सा खिलाड़ी, कितने में ,किसके हाथ लगा

आज आईपीएल 25 के लिए चल रहे  मॉक ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने सबसे ऊंची…

3 hours ago

शादी में खाने के लिए बारातियों का हो गया झगड़ा, अस्पताल पहुंचे मेहमान

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक ऐसी शादी की घटना सामने आई है, जहां…

3 hours ago

मनोज बाजपेयी ने इस फिल्म किया मुफ़्त में काम, जानें ऐसी क्या मजबूरी

फिल्म निर्माता सुभाष घई हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक मनोज बाजपेयी…

3 hours ago

आईपीएल मॉक ऑक्शन में श्रेयश अय्यर पर पैसो की हुई बारिश, KKR ने खेला दांव

अय्यर के शतक जड़ते ही आईपीएल मॉक औक्सन में उनकी किस्मत चमक गई. आईपीएल 2025…

3 hours ago

Gmail Storage Full? जानें कैसे बिना पैसे खर्च किए पाए फ्री स्पेस

जीमेल यूजर्स को Google Photos, Gmail,Google Drive और बाकी सर्विसेस के लिए 15GB का फ्री…

3 hours ago

EVM का खेल है बाबू भैया…एजाज खान को 155 वोट मिले, करारी हार पर दिया रिएक्शन

हाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभिनेता एजाज खान मुंबई की वर्सोवा सीट से चुनाव लड़ रहे…

4 hours ago