नई दिल्ली : पिछले कुछ सालों से पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है. कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स ने अभी दुनिया की चिंता बढ़ाई ही थी की हैंड फुट माउथ डिजीज (HFMD), जिसे टोमैटो फीवर (Tomato fever) सामने आ गया. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी ये चिंता का विषय बन गया […]
नई दिल्ली : पिछले कुछ सालों से पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है. कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स ने अभी दुनिया की चिंता बढ़ाई ही थी की हैंड फुट माउथ डिजीज (HFMD), जिसे टोमैटो फीवर (Tomato fever) सामने आ गया. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी ये चिंता का विषय बन गया है क्योंकि टोमेटो फीवर बच्चों में तेजी से फैलता है. लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल की एक स्टडी बताती है कि बच्चों को इससे सबसे अधिक खतरा है.
6 मई 2022 को केरल में पहली बार टोमैटो फ्लू का मामला आया था और अब तक इसके कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं. यह फीवर एक से पांच वर्ष की आयु के बच्चों और जिन वयस्कों की इम्यूनिटी कमजोर है, उनको अपना शिकार बना रहा है. ऐसे में ये जान लेना जरूरी हो जाता है कि आखिर इसके लक्षण और क्या हैं. और इससे कैसे बचा जा सकता है.
लैंसेट स्टडी बताती है कि टोमैटो फ्लू के लक्षण कोविड -19 वायरस से मिलते जुलते हैं. लेकिन यह वायरस SARS-CoV-2 से संबंधित नहीं है बल्कि इससे पूरी तरह अलग है. टोमैटो फ्लू बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार आने के बाद भी हो सकता है. इस फ्लू का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए है क्योंकि इस फ्लू में शरीर पर लाल फफोलेदार निशान बनते हैं जो टमाटर के बराबर भी हो सकते हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो बच्चों को टोमैटो फ्लू से सबसे ज़्यादा खतरा है क्योंकि इस उम्र में वायरल संक्रमण काफी जल्दी बच्चों पर हावी हो जाते हैं. हालांकि टोमैटो फ्लू अधिक संक्रामक होने के बावजूद भी जान के लिए जोखिम पैदा नहीं करता.
-तेज बुखार,
-चकत्ते
-जोड़ों में सूजन
-मतली, दस्त, डिहाइड्रेशन
-जोड़ों में तेज दर्द
इसके अलावा शरीर दर्द, बुखार और थकान भी है जो कि कोविड -19 मरीजों द्वारा भी अनुभव किए गए थे.
हालांकि अब तक इसका कोई विशेष कारण पता नहीं चला है. कुछ लोगों का मनना है कि ये डेंगू या चिकनगुनिया का दुष्प्रभाव हो सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसका सोर्स एक वायरस ही है लेकिन अब तक ये किस वायरस की वजह से फैलता है इस बात का पता लगाना बाकी है.
फफोले को फोड़ने और खरोंचने से बचना चाहिए.
पानी का अधिक सेवन करें.
अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
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