शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स बन रहे हैं सेहत के लिए हानिकारक, जानिए क्या है सच्चाई

नई दिल्ली: आज के समय में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं और जीवनशैली में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण बहुत से लोग अपने खाने-पीने की आदतों में परिवर्तन कर रहे हैं। शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स भी इन्हीं बदलावों में से एक हैं। बहुत से लोग चीनी के विकल्प के रूप में शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का उपयोग कर रहे […]

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शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स बन रहे हैं सेहत के लिए हानिकारक, जानिए क्या है सच्चाई

Shweta Rajput

  • August 17, 2024 5:11 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: आज के समय में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं और जीवनशैली में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण बहुत से लोग अपने खाने-पीने की आदतों में परिवर्तन कर रहे हैं। शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स भी इन्हीं बदलावों में से एक हैं। बहुत से लोग चीनी के विकल्प के रूप में शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का उपयोग कर रहे हैं ताकि वजन को नियंत्रित किया जा सके और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचा जा सके। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स वास्तव में सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, या फिर इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है?

शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का उपयोग

शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स में मुख्य रूप से आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे एस्पार्टेम, सैक्रीन, सुकलोज, और स्टेविया शामिल होते हैं। ये प्रोडक्ट्स चीनी का विकल्प माने जाते हैं और कैलोरी कम होने के कारण इन्हें वजन घटाने के लिए उपयोग किया जाता है। आजकल बाजार में शुगर-फ्री मिठाइयाँ, पेय पदार्थ, चॉकलेट्स, और बेकरी प्रोडक्ट्स आसानी से उपलब्ध हैं, जो विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाए जाते हैं।

क्या शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स सुरक्षित हैं?

कई शोध और अध्ययन इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स के लगातार और अधिक सेवन से सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। खासकर आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के नियमित सेवन से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

1. मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा: शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का सेवन मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा और असामान्य कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसी समस्याएँ एक साथ पाई जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

2. पाचन तंत्र पर असर: कुछ शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स, जैसे कि सुकलोज, आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुँचा सकते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, इनके अधिक सेवन से पेट में ऐंठन, गैस, और दस्त जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं।

3. मस्तिष्क और मूड पर प्रभाव: आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का अधिक सेवन मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि इनका सेवन डिप्रेशन, एंग्जाइटी, और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा, इन प्रोडक्ट्स के कारण मीठा खाने की लालसा भी बढ़ सकती है, जिससे अधिक भोजन करने की प्रवृत्ति विकसित हो सकती है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए कितना सुरक्षित?

शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का उपयोग डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, क्योंकि इनमें चीनी की मात्रा नहीं होती और ये रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते नहीं हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इनका असीमित मात्रा में सेवन किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की सलाह है कि डायबिटीज के मरीज भी इनका सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सेवन करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का उपयोग सोच-समझकर और सीमित मात्रा में करना चाहिए। प्राकृतिक स्वीटनर्स, जैसे कि शहद या गुड़, बेहतर विकल्प हो सकते हैं। यदि आप शुगर-फ्री प्रोडक्ट्स का सेवन कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप उनके लेबल को ध्यान से पढ़ें और उनमें इस्तेमाल किए गए आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के प्रकार को समझें।

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