नई दिल्ली: बिमार पड़ने पर हम अकसर मेडिकल स्टोर से दवाईयां लेकर खा लेते हैं. समस्या गंभीर होने पर ही हम डॉक्टर की सलाह से दवाईयां लेते हैं. वहीं, कई बार कुछ लोग खुद ही जाकर अपनी मर्जी से दवाईयां खरीदकर खा लेते हैं. जिसका कभी कभी उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है. लोग […]
नई दिल्ली: बिमार पड़ने पर हम अकसर मेडिकल स्टोर से दवाईयां लेकर खा लेते हैं. समस्या गंभीर होने पर ही हम डॉक्टर की सलाह से दवाईयां लेते हैं. वहीं, कई बार कुछ लोग खुद ही जाकर अपनी मर्जी से दवाईयां खरीदकर खा लेते हैं. जिसका कभी कभी उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है. लोग अकसर खुद ही डॉक्टर बनने लगते हैं बिना यह जाने कि उनके द्वारा खरीदी गई दवाई के पैकेट पर बने निशानों (Red Line On Medicine Strip) का मतलब क्या है. इन निशानों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये आपको कई तरह की मुसीबतों से बचा सकते हैं.
आपने नोटिस किया होगा कि कुछ दवाईयों के पैकेट्स पर लाल रंग की लाइन या धारियां (Red Line On Medicine Strip) बनी हुई होती हैं. क्या आप जानते हैं इसका मतलब क्या होता है? आजकल बहुत से लोग बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा खरीद कर खा लेते हैं, ऐसे लोगों को अकसर दवाईयों के साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ जाते हैं. इसलिए आपको सलाह दिया जाता है कि बिना डॉक्टर के लिखे खुद से कभी दवा खरीदकर मत खाएं. इसी कारण से कुछ दवाईयों पर लाल निशान बनाए जाते हैं, जिससे लोग इन्हें बिना डॉक्टर के सलाह के न खरीद सकें.
दवा के पैकेट पर बने इस लाल स्ट्रिप का मतलब यह है कि डॉक्टर के पर्चे के बिना इस दवा को न तो बेचा जा सकता है और न ही इस्तेमाल किया जा सकता है. देश में एंटीबायोटिक दवाओं के बहुत दुरुपयोग होता है. इसी को रोकने के लिए दवाइयों के पैकट पर ‘लाल धारी’ दी जाती है जो उसे बाकी की दवाओं से अलग करती है. इसके साथ ही इस स्ट्रिप का मतलब टीबी, मलेरिया, पेशाब से संबंधित संक्रमण और एचआईवी सहित कई गंभीर बीमारियों के लिए बिना डॉक्टर के सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगाना है.
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