गुजरात. गुजरात के जामनगर में ओमिक्रॉन ( Omicron in Gujarat ) का पहला मामला सामने आया है, बीते दिनों गुजरात में दक्षिण अफ्रीका का 72 वर्षीय व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ जामनगर आया था. उसके सैम्पल्स को जांच के लिए पुणे के लैब में भेजा गया है. देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की […]
गुजरात. गुजरात के जामनगर में ओमिक्रॉन ( Omicron in Gujarat ) का पहला मामला सामने आया है, बीते दिनों गुजरात में दक्षिण अफ्रीका का 72 वर्षीय व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ जामनगर आया था. उसके सैम्पल्स को जांच के लिए पुणे के लैब में भेजा गया है. देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 हो गई है.
देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, ओमिक्रॉन का दहशत अब धीरे-धीरे देश के अनेक राज्यों में बढ़ रहा है. देश में ओमिक्रॉन के पहले दो मरीज कर्नाटक में मिले. इनमें एक 66 साल का विदेशी नागरिक है, जो पिछले दिनों साउथ अफ्रीका की यात्रा से लौटा था, जबकि दूसरा बेंगलुरु के बोमनहल्ली का 46 साल का हेल्थ वर्कर है.
भारत में ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है, सबसे पहले ओमिक्रॉन के मामले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए थे, लेकिन अब ये वैरिएंट धीरे-धीरे विश्व के अनेक देशों में अपने पैर पसार रहा है. अब तक यह वैरिएंट विश्व के 33 देशों में फैल सकता है. ओमिक्रॉन की आहट भारत मे भी देखने को मिल रही है, इस कड़ी में केंद्र सरकार काफी सावधानी और सतर्कता बरतती हुई नजर आ रही है.
ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए कई देशों में कोरोना की बूस्टर डोज़ लगाई जा रही है. इस बारे में पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के पूर्व HOD प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताते हैं कि जिन लोगों को कोरोना की सेकंड डोज़ 6-9 महीनें पहले लग चुकी है उन्हें बूस्टर डोज़ लगाई जा सकती है, क्योंकि 6 से 9 महीने में एंटीबॉडी फॉल पर होती है.