नई दिल्ली। मोटे अनाजों को वैज्ञानिक भाषा में मिलेट कहते हैं। लोग इसको सुपरफूड भी कहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि इसको खाने से कई सारे फायदे होते हैं, वहीं इसका सेवन करने वाला इंसान बहुत कम बीमार पड़ता है। आइए आपको मिलेट के बारे में बताते हैं। दो प्रकार के होते हैं मोटे अनाज (मिलेट) […]
नई दिल्ली। मोटे अनाजों को वैज्ञानिक भाषा में मिलेट कहते हैं। लोग इसको सुपरफूड भी कहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि इसको खाने से कई सारे फायदे होते हैं, वहीं इसका सेवन करने वाला इंसान बहुत कम बीमार पड़ता है। आइए आपको मिलेट के बारे में बताते हैं।
मोटे अनाजों को मिलेट कहा जाता है, ये दो प्रकार के होते हैं, मोटा दाना और छोटा दाना। आज के समय में कई घरों में लोग मिलेट खाना पसंद करते हैं। जबकि कुछ लोग इससे होने वाले फायदे से अपरिचित हैं, जिसके कारण वे लोग इसका सेवन नहीं करते हैं।
बता दें कि ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू जैसे मोटे अनाज को मिलेट कहा जाता है। इसके सेवन से लोग बीमार नहीं पड़ते हैं। ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी तो बाजार में आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन सावां, कंगनी, चीना का उत्पादन अब बहुत कम हो गया है। जिसके कारण ये मुश्किल से मिलते हैं।
गौरतलब है कि मिलेट्स में मिनरल, विटामिन, एंजाइम और फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें मैक्रो और माइक्रो जैसे कई बेहतरीन पोषक तत्व भी मौजूद हैं। इन अनाजों में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फोलिक एसिड, विटामिन-बी6, नाइयासिन और बीटा-कैरोटीन जैसे कई पोषक तत्व भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
मिलेट्स के सेवन से सेहत को काफी फायदा पहुंचता है। इसे खाने के बाद लोगों को कई तरह के फायदे होते हैं। इसे खाने वाले लोगो को मोटापा, दिल की बीमारी और पाचन जैसी समस्याओं का कम सामना करना पड़ता है। ये बीपी, एनीमिया और डायबिटीज से भी लड़ने में सहायक होते हैं। ये शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करके हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ सर्दियों में शरीर को गर्म रखते हैं।