चाय के बिना भारतीयों के दिन की शुरुआत नहीं होती है। अगर कुछ लोगों को यह दिनभर न मिले तो सिर दर्द या एंग्जायटी तक होने लगती है।
Health Tips: चाय के बिना भारतीयों के दिन की शुरुआत नहीं होती है। अगर कुछ लोगों को यह दिनभर न मिले तो सिर दर्द या एंग्जायटी तक होने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चाय कैंसर का कारण भी बन सकती है? हाल ही में कर्नाटक से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि चाय को जहरीले तरीके से तैयार किया जा रहा है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कर्नाटक में टपरी या ठेलों पर मिलने वाली चाय पत्ती में चाय की धूल, कीटनाशक और कलर्स मिलाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कर्नाटक से लिए गए 50 सैंपल में पाया गया कि चाय की पत्ति को तैयार करते समय बड़ी मात्रा में पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि चाय में रोडामाइन-बी और टार्ट्राजिन जैसे केमिकल मिलाए जा रहे हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। ये केमिकल सिर्फ खानपान की चीजों को आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
दिल्ली के धर्मशाला हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमन कहते हैं कि चाय की प्रोसेसिंग के दौरान इसमें रोडामाइन-बी और कर्मोसैन फूड कलर मिलाया जाता है, जो कैंसर कारक हो सकते हैं। अगर चाय में ये केमिकल नहीं मिलाए जा रहे तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन इनके मिलाने से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
भारतीयों में अधिकतर लोग दूध वाली चाय के शौकीन हैं, लेकिन इसे रोज पीने से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। खाली पेट पीने से मेटाबॉलिज्म कमजोर पड़ता है, जिससे ब्लोटिंग, एसिडिटी और पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, चाय में कैफीन होता है, जो नींद के सिस्टम को प्रभावित करता है और अधिक सेवन से नींद न आने की शिकायत हो सकती है।
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