नई दिल्ली। कई बार हमारे अंदरूनी चोट लगने पर चोट वाला हिस्सा बैगनी और लाल रंग का हो जाता है. हम ऐसी चोटों को इग्नोर कर देते हैं लेकिन हम आपको बता दें की ऐसी समस्या नसों में खून जमने के कारण होती है. हाथ- पैर के ऊपरी का इलाज करना आसान होता है […]
नई दिल्ली। कई बार हमारे अंदरूनी चोट लगने पर चोट वाला हिस्सा बैगनी और लाल रंग का हो जाता है. हम ऐसी चोटों को इग्नोर कर देते हैं लेकिन हम आपको बता दें की ऐसी समस्या नसों में खून जमने के कारण होती है. हाथ- पैर के ऊपरी का इलाज करना आसान होता है लेकिन कई बार चोट अंदरूनी होती है तो इसमें ब्लड क्लॉट जम जाता है, जिसके कारण कई तरह की समस्याएं होने का डर रहता है. जानें ब्लड क्लॉट के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में-
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लड क्लॉट ब्लड का एक ऐसा हिस्सा है जो लिक्विड से जेल या सॉलिड में बदल जाता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के माध्यम से चोट लगने पर ब्लड को बहने से रोका जा सकता है लेकिन कई बार नस के अंदर भी ब्लड क्लॉट हो जाता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. कई बार ब्लड क्लॉट नसों के माध्यम से हमारे लंग्स और हार्ट में पहुंच जाता है, जो ब्लड सर्कुलेशन पर प्रभाव डालता है. यह हमारे शरीर के लिए बहुत जानलेवा हो सकता है.
ब्लड क्लॉट के कारण हार्ट अटैक का खतरा काफी रहता है. यदि ब्लड क्लाट आपके हार्ट तक पहुंच जाए तो इंसान को हार्ट अटैक आ सकता है. जब ब्लड क्लॉट हार्ट में होता है तो यह ब्लड सर्कुलेशन को कम कर देता है. इस कारण हार्ट अटैक की समस्या काफी ज्यादा होने लगती है. ऐसे में आपको चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, जबड़े में दर्द, पसीना आना जैसी समस्या हो सकती है.
कभी- कभी ब्लड क्लॉट पेट में होता है, जो डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का एक रूप है. इसके कारण पेट में कई तरह की समस्या होने की संभावना होती है. पेट में ब्लड क्लॉट होने की वजह से जी मचलाना, तेज दर्द, मल में खून, उल्टी जैसी समस्या हो सकती है.