स्वास्थ्य समाचार

खाने के पैकेट का नहीं रखा ध्यान, तो Breast cancer होने से नहीं बचा पाएगा कोई

नई दिल्ली: हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले पेपर और प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्लास्टिक में करीब 200 ऐसे केमिकल्स पाए गए हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। ये केमिकल्स फूड पैकेजिंग मटीरियल्स (FCM) जैसे पेपर, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक में इस्तेमाल होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब खाना इन पैकेजिंग में पैक किया जाता है, तो इन जहरीले पदार्थों के भोजन में मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इससे शरीर में पहुंचकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

फूड पैकेजिंग फोरम

स्विट्जरलैंड स्थित फूड पैकेजिंग फोरम की प्रबंध निदेशक और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, जेन मुनके ने कहा है कि “दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहे पैकेजिंग मटीरियल्स में से कई में 100 से ज्यादा कैंसरकारी केमिकल्स पाए गए हैं। ये केमिकल्स स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं और हमें ऐसी पैकेजिंग से सावधान रहना चाहिए।”

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा

स्टडी के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर के लगभग 76 रसायनिक तत्वों के प्रमाण पाए गए हैं, जिनमें से 80% से ज्यादा प्लास्टिक से जुड़े हुए हैं। प्लास्टिक पैकेजिंग का धड़ल्ले से इस्तेमाल पूरी दुनिया में हो रहा है, जिसमें न सिर्फ ठंडा बल्कि गरम खाना भी पैक किया जाता है। इससे प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन सीधे खाने में घुलकर शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर फैलाने वाले कुछ प्रमुख केमिकल्स में बेंजीन भी शामिल है, जो जानवरों में स्तन कैंसर का कारण बनता है। इसके अलावा 4,4′-मेथिलीनबिस-(2-क्लोरोएनिलिन), 2,4-टोलुईनीडायमाइन और ओ-टोलुईडिन जैसे रसायन भी कैंसर के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।

2.3 मिलियन महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर में 2.3 मिलियन महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. वहीं इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पुरुषों में भी हो सकता है, हालांकि यह दुर्लभ होता है।

फूड पैकेजिंग से बचने के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बाहर से खाना पैक कराते समय मेटल का टिफिन इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित विकल्प हो सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक में गरम भोजन पैक कराने से भी बचना चाहिए। इन सरल उपायों से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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Yashika Jandwani

My name is Yashika Jandwani and I'm based in New Delhi. I am highly motivated and passionate about entertainment and music. I have interviewed various artists, and each and every experience has been phenomenal. It's always a pleasure to interact with creative personalities and get to know them as a journalist. My life mantra is 'If you can dream it, you can do it'.

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