नई दिल्ली: भारत के उत्तरी राज्य सबसे ज्यादा गर्मी की चपेट में हैं. यहां के कई राज्यों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार पहुंच गया है. जिसे लेकर सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली समेत कई राज्यों में रेड अलर्ट भी जारी किया है. कई राज्यों में लोग हीटस्ट्रोक की चपेट […]
नई दिल्ली: भारत के उत्तरी राज्य सबसे ज्यादा गर्मी की चपेट में हैं. यहां के कई राज्यों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार पहुंच गया है. जिसे लेकर सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली समेत कई राज्यों में रेड अलर्ट भी जारी किया है. कई राज्यों में लोग हीटस्ट्रोक की चपेट में भी आए हैं तो वहीं इससे कई मौतों की खबरें सामनें आ चुकी है. 50 डिग्री तापमान मानव शरीर के साथ साथ दिमाग पर भी बुरा असर छोड़ता है. आइए जानते हैं कैसे?
मनुष्य का शरीर 37 डिग्री तापमान को आसानी से झेल सकता है. जब ये तापमान 50 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है तो शरीर में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है. लगातार 50 डिग्री तापमान में रहनें से व्यक्ति के दिमाग को भी नुकसान होने लगता है. जिससे मनुष्य में भ्रम, चेतना और दौरे जैसी समस्याएं होना आम बात हो जाती है. इतनें तापमान पर दिमाग की कोशिकाएं भी मरनें लगती हैं.
बता दें कि अधिक तापमान होनें से मस्तिष्क कोशिकाओं में प्रोटीन का जमाव होने लगता है. जमाव से हुए दिमाग में बदलाव की भरपाई करना भी खासा मुश्किल हो जाता है. जिससे मस्तिष्क का संतुलन बिगड़ जाता है.
ये तापमान उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो जाता है, जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है. तापमान अधिक होने के कारण शरीर में रक्त प्रवाह बनाए रखने और शरीर को ठंडा रखने के लिए हृदय गति की स्पीड अधिक तीव्र हो जाती है. अधिक तापमान मानव शरीर के लिए भी बेहद नुकसानदेह होता है. जिसमें खून बाहर आना, त्वचा पर चकत्ते पड़नाऔऱ रक्त कोशिका फटने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.साथ ही व्यक्ति को तापमान में मथली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं लगना भी आम हो जाता है. इतने अधिक तापमान में हीटस्ट्रोक का खतरा सर्वाधिक होता है. हीटस्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को इलाज समय से नहीं मिलता है तो उसकी मौत भी हो सकती है.
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