कल्पना कीजिए, आप एक दिन अपनी रोज़ की सुबह की वॉक पर हैं, और अचानक आपके दिल की धड़कन तेज़ होने लगती है। आपको बेचैनी और हल्की-फुल्की
नई दिल्ली: कल्पना कीजिए, आप एक दिन अपनी रोज़ की सुबह की वॉक पर हैं, और अचानक आपके दिल की धड़कन तेज़ होने लगती है। आपको बेचैनी और हल्की-फुल्की कमजोरी महसूस होती है, लेकिन आप इसे सामान्य थकावट मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसी बेचैनी की अनदेखी ने एक दिन आपके जीवन को खतरे में डाल दिया। यह कहानी सिर्फ एक उदाहरण है, लेकिन यह सच है कि हार्ट अटैक से पहले दिल की धड़कन में बदलाव एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। अगर हम इन संकेतों को समझें और सही समय पर कार्रवाई करें, तो हम खुद को और अपने प्रियजनों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कि हार्ट अटैक के आने से पहले दिल की धड़कन में कैसे बदलाव हो सकते हैं और इसे सही समय पर पहचानकर कैसे राहत पाई जा सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक अचानक नहीं आता, बल्कि इसके संकेत तीन-चार दिन पहले से ही दिखने लगते हैं। इनमें बेचैनी, कमजोरी, और दिल की धड़कन का तेज़ होना शामिल है। लेकिन सवाल यह उठता है कि हार्ट अटैक से ठीक पहले दिल की धड़कन कितनी तेज़ हो जाती है?
एक सामान्य व्यक्ति का दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। हार्ट अटैक के दौरान यह दर बदल सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हार्ट अटैक के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं, और इनमें दिल की धड़कन का अलग-अलग तरीके से बदलना संभव है। कुछ मामलों में धड़कन तेज हो सकती है, जबकि कुछ में यह धीमी पड़ सकती है।
सीडीसी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, दिल की धड़कन का बढ़ना या घटना अपने आप में हार्ट अटैक का संकेत नहीं होता। हालांकि, अगर आपको दिल की धड़कन में अनियमितता महसूस हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि इससे आप गंभीर समस्या से बच सकते हैं।
अगर आपको अपनी दिल की धड़कन में कोई असामान्य बदलाव महसूस हो, तो इसे अनदेखा न करें। यह एक संकेत हो सकता है कि आपके दिल को मदद की जरूरत है। समय पर डॉक्टर से संपर्क करके आप न केवल हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति से बच सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी सुरक्षित बना सकते हैं।
ये भी पढ़ें: Health: खुद से दवा लेने की बुरी आदत, क्या आप तो नहीं कर रहे यह खतरनाक गलती?