नई दिल्ली। CPR को विदेशी स्कूलों में स्कूल की उम्र में सिखा दिया जाता है लेकिन इंडिया में डॉक्टर्स इस मेडिकल टेक्नीक को सीखने और जरुरत पड़ने पर ही परफ़ॉर्म करने के लिए प्रेरित करते है. CPR एक ऐसा लाइफ़ सेविंग ऐक्ट है जो समय पर किया जाए तो कार्डिक अरेस्ट आने वाले व्यक्ति […]
नई दिल्ली। CPR को विदेशी स्कूलों में स्कूल की उम्र में सिखा दिया जाता है लेकिन इंडिया में डॉक्टर्स इस मेडिकल टेक्नीक को सीखने और जरुरत पड़ने पर ही परफ़ॉर्म करने के लिए प्रेरित करते है. CPR एक ऐसा लाइफ़ सेविंग ऐक्ट है जो समय पर किया जाए तो कार्डिक अरेस्ट आने वाले व्यक्ति की जान को बचा सकता है. इतना ही नही CPR को पानी में डूबने या किसी कारण सांस रुकने के हालत में भी किया जाता है.
सबसे पहले एक हथेली बीमार व्यक्ति के लेफ्ट साइड के चेस्ट पर रखें और राइट हथेली को उसके ऊपर रखकर लॉक करे. इसके बाद तेजी से हथेली को पुश करें. साधारण तरीक़े से जैसे हवा भरी जाती है उसी तरह बार बार हार्ट के ओर अपने हथेलियों से छाती को दबायें. ध्यान रखे कि इसकी स्पीड 100 बीट्स पर मिनट तक होनी चाहिए यानी आपको पूरी ताकत से 1 सेकंड में 1 बार से ज़्यादा हार्ट को पुश करना है. इस तरह स्पीड में पंपिंग करने से हार्ट में ब्लड फ्लो आता है और कार्डिक अरेस्ट वाले व्यक्ति की जान को बचाया जा सकता है. CPR करने की कई विडियो आपको यूट्यूब पर मिल जायेंगी उनसे आप रेफरेंस ले सकते है.
CPR के साथ ही आप डॉक्टर के पास जितना जल्दी हो सके ले जाए या एंबुलेस के लिए जल्द से जल्द कॉल करें. यह भी जरुर ध्यान रखे कि किसी व्यक्ति के अचानक बेहोश होने पर समय बर्बाद ना करे और तुरंत ही CPR करना शुरू कर दे. चेस्ट पुश करते समय ये ना सोचे की उस व्यक्ति को कोई और दिक्कत ना हो जाए बल्कि पूरी ताकत के साथ तेजी से हार्ट वाले हिस्से को पुश करे.
व्यक्ति के कार्डिक अरेस्ट आने के बाद या फिर किसी कारण सांस रुकने के बाद भी बॉडी के ब्लड में ऑक्सीजन कुछ देर तक के लिए बनी रहती है लेकिन हार्ट के काम ना करने के कारण हार्ट और बॉडी के बाकी हिस्सों में ब्लड फ्लो रुक जाता है जिससे आदमी बेहोश हो जाता है या उसकी सांस रुक जाती है. ऐसी स्थिति में CPR लाइफ़ सेवर है. CPR से हार्ट पंप करने लगता है और बॉडी में ब्लड फ्लो शुरू हो जाता है जिससे कार्डिक अरेस्ट वाले व्यक्ति की जान बच सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की इन खबर पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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