नई दिल्ली। बच्चों में पोषण संबंधी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी, सी जैसी कई आवश्यकता होती है और साथ ही उनके भोजन में कैल्शियम, पोटेशियम और फ़ाइबर जैसे खाद्य पदार्थ ज़रूर शामिल होने चाहिए. शरीर में इनकी कमी होने पर कुपोषण का ख़तरा बढ़ सकता है. दरअसल, कुपोषण के कोई ज़्यादा लक्षण नज़र नही आते है […]
नई दिल्ली। बच्चों में पोषण संबंधी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी, सी जैसी कई आवश्यकता होती है और साथ ही उनके भोजन में कैल्शियम, पोटेशियम और फ़ाइबर जैसे खाद्य पदार्थ ज़रूर शामिल होने चाहिए. शरीर में इनकी कमी होने पर कुपोषण का ख़तरा बढ़ सकता है. दरअसल, कुपोषण के कोई ज़्यादा लक्षण नज़र नही आते है लेकिन कई बार ज़्यादा हालत खराब होने पर हर समय थकान, चक्कर आना, वजन कम होना जैसी चीजें कुपोषण के लक्षण हो सकते है.
• मैरास्मस- Marasmus एक ऐसी बीमारी है जो कैलोरी और प्रोटीन की कमी के कारण होती है, जो शिशुओं और बच्चों को प्रभावित करती है जो काफ़ी छोटे है. यह वजन को अचानक कम कर सकता है और डीहाइड्रेशन की परेशानी कर सकता है. इसमें मांसपेशियों के विकास में जरूरी पोषण की कमी हो सकती है. इसलिए आपको बच्चे पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है. उनके भोजन में मिल्क, अंडा और फिश आदि शामिल करें. इससे उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा.
• कमजोर हड्डियां- जब बच्चे को प्रोटीन की कमी होती है तो इससे हड्डियाँ के कमजोर होने का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है. यह फ़्रैक्चर और हड्डियों के टूटने के ख़तरे को बढ़ा देता है. छोटे बच्चों को इसकी कमी से ज़्यादा दिक्कत हो सकती है क्योंकि इसकी कमी से फिर बच्चों को खड़े होने और चलने फिरने में दिक्कत हो सकती है.
• फ़ैटी लीवर- GRAS प्रोटीन की कमी के कारण होने वाला एक सामान्य विकार है. यह यक्रत कोशिकाओं में वसा के संचय की वजह होता है. ये बच्चों में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है. इसके कारण बच्चों में मोटापा और फ़ैट बढ़ सकता है.
प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए आपको उचित सलाह और डॉक्टर की दवाइयों के साथ- साथ प्रोटीन से भरपूर डाइट रखना भी ज़रूरी है. इसकी कमी ना हो उसके लिए बच्चों को अंडे, कोटेज पनीर, बादाम, चिकन, फ़िश, दूध, ग्रीक दही और नट एंड सीड्स खिला सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की इन खबर पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.