नई दिल्ली। सभी के तलवे यानी सोल का कलर अलग- अलग होता है. जिस तरह त्वचा के रंग अलग- अलग होते है उसी तरह तलवे का भी होता है. किसी के तलवे लाइट पिंक दिखते है तो किसी के सुर्खी हुए होते है और किसी के तलवों की त्वचा में पीलापन ज्यादा हो सकता […]
नई दिल्ली। सभी के तलवे यानी सोल का कलर अलग- अलग होता है. जिस तरह त्वचा के रंग अलग- अलग होते है उसी तरह तलवे का भी होता है. किसी के तलवे लाइट पिंक दिखते है तो किसी के सुर्खी हुए होते है और किसी के तलवों की त्वचा में पीलापन ज्यादा हो सकता है. ये सभी सामान्य कंडिशन्स है. लेकिन अगर तलवों का रंग ज्यादा पीला हो रहा है तो आपको बहुत ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. जानें किन बीमारियों में तलवों का रंग ज्यादा पिला हो जाता है.
कोई इंसान जब निष्क्रिय थायराइड , यकृत या गुर्दे की बीमारी, मधुमेह या उच्च कोलेस्ट्रोल से पीड़ित होता है, तब रक्त में कैरोटीनॉयड का लेवल बढ़ जाता है. ये एक तरह के पिगमेंट होते है. आमतौर पर बॉडी अपशिष्ट के रूप में इन कैरोटीनॉयड से छुटकारा पा लेता है. परंतु जब कोई इंसान यहां बताई गई किसी भी बीमारी से ग्रस्त होता है तब शरीर के ऐसा करना कठिन हो जाता है. इसके परिणाम स्वरूप पैर के तलुए और हथेलियों का कलर भी ज्यादा पीला दिखाई दे जाता है.
बॉडी में बढ़ रहा पीलापन केवल तलुओं तक सीमित ना रहकर आपकी स्किन, आंखों के सफेद पार्ट और नेल्स पर भी हावी होने लगे, तब पीलिया का लक्षण होता है. पीलिया कई वजहों से हो सकता है जैसे दूषित पानी का सेवन, संक्रमित खाने का सेवन, हेपेटाइटिस- बी और सी, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या कुछ दवाओं के रीऐक्शन से भी पीलिया की परेशानी हो सकती है.
तलुओं के साथ हथेली और नेल्स के नीचे की त्वचा पर अगर पीलापन दिखता है तो यह एनीमिया का लक्षण हो सकता है. अगर पैर के तलुओं में पीलापन बढ़ने के साथ आप यहां बताए कुछ चेंज भी अपनी बॉडी में फील कर रहे है तो यह एनीमिया के लक्षण हो सकते है.
हार्टबीट्स का बढ़ना
सिरदर्द
बल झड़ना
थकान
नेल्स का टूटना
तेज तेज सांस लेना
अगर ऐसे लक्षण आपको दिखाई दे रहे है तो आप डॉक्टर से जरुर संपर्क करे. इसके साथ ही अपनी डाइट में आयरन युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करें.
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