मानसून में कई बीमारियां फैलती हैं, जिनमें डेंगू का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस बीमारी से शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक घट जाती है
Dengue vs Viral Fever: मानसून में कई बीमारियां फैलती हैं, जिनमें डेंगू का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस बीमारी से शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक घट जाती है, जो कई बार जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू के अधिकतर मामलों में या तो कोई लक्षण नजर नहीं आते या हल्के लक्षण होते हैं। डेंगू और सामान्य वायरल फीवर के बीच अंतर जानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर सही इलाज हो सके।
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। गर्म और उमस वाले मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, मतली और खुजली जैसे लक्षण दिखते हैं। कुछ मामलों में डेंगू गंभीर हो सकता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।
1. बुखार के साथ शरीर के जोड़ों में दर्द
2. मसल्स पेन
3. आंखों के पीछे दर्द
4. नाक और दांतों से खून बहना
5. लाल धब्बे या शरीर में खुजली होना
अगर किसी को लगातार ऊपर बताए गए लक्षण हो रहे हैं तो समझ जाएं कि यह सामान्य फीवर नहीं बल्कि डेंगू हो सकता है। डेंगू का बुखार 104 डिग्री तक पहुंच जाता है, जबकि वायरल फीवर 103 डिग्री से ऊपर नहीं जाता।
– तेज बुखार और प्लेटलेट्स की कमी: अगर बुखार बहुत ज्यादा है और ब्लड टेस्ट में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो रही है तो यह डेंगू हो सकता है।
– गंभीर लक्षण: बुखार जाने के बाद भी पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेज सांस चलना, थकान, अनिद्रा, उल्टी या मल में खून आना।
– वायरल फीवर: वायरल फीवर 2-3 दिन में ठीक हो जाता है और इसे एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है।
डेंगू और वायरल फीवर की पहचान के लिए बुखार के स्तर, प्लेटलेट्स की संख्या, और लक्षणों पर ध्यान दें। अगर बुखार बहुत तेज है और उपरोक्त लक्षण नजर आ रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर पहचान और इलाज से आप डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं।
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