नई दिल्ली। आधुनिक समय में लोगों के रहन- सहन और खानपान में कई तरह के बदलाव हो गए है. वहीं, यदि बात पर्यावरण की हो तो यह दिन- प्रतिदिन प्रदूषित हो रहा है. इसके अलावा युवा वर्ग कई तरह के मादक पदार्थों जैसे- हुक्का, सिगरेट के साथ लाइफ का धुआं उड़ा रहे है. इन मादक […]
नई दिल्ली। आधुनिक समय में लोगों के रहन- सहन और खानपान में कई तरह के बदलाव हो गए है. वहीं, यदि बात पर्यावरण की हो तो यह दिन- प्रतिदिन प्रदूषित हो रहा है. इसके अलावा युवा वर्ग कई तरह के मादक पदार्थों जैसे- हुक्का, सिगरेट के साथ लाइफ का धुआं उड़ा रहे है. इन मादक पदार्थों से बॉडी में कई तरह की बीमारियां हो रही है. खासतौर पर अस्थमा की बीमारी युवा वर्ग के काफी मामूली हो चुकी है. आज भारत में लगभग 20 मिलियन अस्थमा के रोगी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दावा किया है की यदि इसी तरह पर्यावरण दूषित रहा तो अस्थमा एक समय में काफी जानलेवा बीमारी बन सकती है. इसलिए वातावरण को दूषित होने से बचाना बेहद आवश्यक है. इसके अलावा युवा वर्ग को भी अपनी कई आदतों में चेंज लाने की ज़रूरत है.
• कामों में लगातार बिजी रहने वाले लोगों को अस्थमा की समस्या काफी ज्यादा होती है. ऐसे में काम के साथ- साथ बॉडी को आराम देना भी जरुरी है. कई लोग सिगरेट का सेवन भी करते होंगे और कई लोग उस धुएं के शिकार भी होते होंगे. ऐसे में अस्थमा की समस्या होना लाजमी है.
• यदि आप रोजाना 500 मीटर नही चलते है तो यह आदत आपकी बॉडी को स्थिर बना सकती है और अस्थमा होने की संभावना को बढ़ा सकती है.
• बाहर के खाने का ज्यादा सेवन न करें. इससे भी अस्थमा होने की समस्या अधिक हो सकती है.
• नियंत्रित रूप से योगा करें.
• हेल्दी भोजन को शामिल करें.