नई दिल्ली, सिर में दर्द होना बहुत ही आम बात है, आज की दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में सिरदर्द का महत्वपूर्ण कारण बदलती दिनचर्या है, जिसमें ना तो सोने का समय है और ना ही जागने का. आमतौर पर लोग सिर में होने वाले किसी भी किस्म के दर्द को माइग्रेन मान लेते हैं, जबकि सच्चाई […]
नई दिल्ली, सिर में दर्द होना बहुत ही आम बात है, आज की दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में सिरदर्द का महत्वपूर्ण कारण बदलती दिनचर्या है, जिसमें ना तो सोने का समय है और ना ही जागने का. आमतौर पर लोग सिर में होने वाले किसी भी किस्म के दर्द को माइग्रेन मान लेते हैं, जबकि सच्चाई तो ये है कि माइग्रेन और सामान्य सिर दर्द अलग-अलग हैं. माइग्रेन का मुख्य लक्षण सिरदर्द ही है लेकिन ये सामान्य रूप से होने वाले सिरदर्द से बहुत अलग होता है.
यह कतई जरूरी नहीं है कि आपके सिर में होने वाला दर्द माइग्रेन का ही हो, माइग्रेन में आमतौर पर सिर के दाएं या बाएं दोनों में से एक भाग में दर्द होता है. माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज आसानी से नहीं होता है. माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रहता है. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आप सिरदर्द और माइग्रेन के बीच के अंतर को समझें. माइग्रेन की स्थिति में सिर में बहुत तेज दर्द होता है, जो सिर के दोनों ओर हो सकता है.
आसान भाषा में समझें तो इसका दर्द ऐसा होता है जैसे कोई सिर पर जोर से हथोड़ा मार रहा है, इसका दर्द चार से 72 घंटों तक रह सकता है. माइग्रेन में जी मिचलाने की समस्या होने लगती है, साथ ही उल्टी भी होने लगती है. माइग्रेन आपका पाचन खराब कर सकता है और कुछ लोगों में तो माइग्रेन के दौरान ब्लड प्रेशर समस्या होने लगती है, कई लोगों का बीपी इस दौरान बहुत लो हो जाता है. ऐसे लोग जिनके परिवार में माइग्रेन का इतिहास है, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा तीन चौथाई ज्यादा हो जाता है.
माइग्रेन के इलाज के लिए बचाव को ही सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. दरअसल, माइग्रेन के दर्द के कुछ ट्रिगर्स होते हैं और उन पर ध्यान दिया जाए तो माइग्रेन के दर्द से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है.
(नोट : ये लेख सामन्य जानकारी पर आधारित है, इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के तौर पर नहीं देखना चाहिए, यहां बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम दावा नहीं करते, किसी भी जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें.)