हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्क्रब टाइफस से पहली मौत की खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में चिंता बढ़ा दी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज
शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्क्रब टाइफस से पहली मौत की खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में चिंता बढ़ा दी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में इलाज के दौरान 91 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हो गई।
स्क्रब टाइफस एक संक्रामक बीमारी है, जो Orientia tsutsugamushi नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया लार्वा माइट्स के काटने से इंसानों में फैलता है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं।
शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में अब तक स्क्रब टाइफस के 44 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, हमीरपुर जिले में भी इस बीमारी का एक मामला सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को खेतों में काम करते समय शरीर को पूरी तरह ढकने और बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है।
– बुखार और ठंड लगना: पिस्सू के काटने के लगभग 10 दिन बाद बुखार और ठंड महसूस होती है।
– सिरदर्द और बदन दर्द: संक्रमित व्यक्ति को तेज सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
– शरीर पर चकत्ते: संक्रमण के बाद शरीर पर दाने और चकत्ते दिखाई देने लगते हैं।
– गिल्टियां: हाथ-पैर, गर्दन और कूल्हों के नीचे सूजन हो सकती है।
– सोचने-समझने की क्षमता पर असर: संक्रमण के गंभीर होने पर मस्तिष्क पर भी असर हो सकता है।
– शरीर को ढककर रखें: खुले हिस्सों को ढककर रखें, खासकर खेतों में काम करते समय।
– साफ-सफाई का ध्यान: अपने आसपास घास और झाड़ियों को न बढ़ने दें। घर और आसपास की जगह को साफ रखें।
– संक्रमण के संकेत मिलने पर डॉक्टर से संपर्क करें: अगर कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, और राजस्थान में स्क्रब टाइफस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इन राज्यों में लोगों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए जागरूक रहना और समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को भी स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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