नई दिल्ली। कोई भी सामान लेने से पहले हम उसकी एक्सपायरी डेट चेक कर लेते हैं. फिर चाहे वो दवा हो या दूध, ब्रेड सब पर ही दो तरह की डेट लिखी हुई होती है. एक प्रोडक्ट के बनने की डेट यानी मैन्युफैक्चरिंग डेट और दूसरी उसकी एक्सपायरी डेट होती है लेकिन कभी- कभी […]
नई दिल्ली। कोई भी सामान लेने से पहले हम उसकी एक्सपायरी डेट चेक कर लेते हैं. फिर चाहे वो दवा हो या दूध, ब्रेड सब पर ही दो तरह की डेट लिखी हुई होती है. एक प्रोडक्ट के बनने की डेट यानी मैन्युफैक्चरिंग डेट और दूसरी उसकी एक्सपायरी डेट होती है लेकिन कभी- कभी ऐसा होता है कि घर में रखी हुई दवा की एक्सपायरी चेक करे बिना उसको खा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सपायर दवा खाने से हमारे ऊपर क्या फर्क पड़ सकता है.
दवा या किसी खाद्य पदार्थ पर निर्माता कंपनी द्वारा एक्सपायरी डेट दी गई होती है. इससे यह पता लगता है कि इस डेट के जाने के बाद निर्माता कंपनी की कोई भी जिम्मेदारी प्रोडक्ट के लिए नही हैं. इसका मतलब प्रोडक्ट के प्रभाव की गारंटी अब कंपनी द्वारा नहीं दी जा रही है. हालांकि इससे यह मतलब नही कि प्रोडक्ट के एक्सपायर डेट ख़त्म होने के बाद वह जहर बन गया है लेकिन यह है कि अब पहले जैसी प्रभावी नहीं होगी.
डॉक्टर्स का मानना यह होता है कि एक्सपायरी डेट होने के बाद दवाएं नही खानी चाहिए क्योंकि इससे कई तरह के दुष्प्रभाव होने की संभावना होती है. यदि आपने गलती से ऐसी एक्सपायरी दवा खा ली है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ ठोस दवाएं कैप्सूल, टैबलेट का असर एक्सपायरी डेट के कुछ समय बाद तक रहता है लेकिन लिक्विड दवाएं जैसे सिरप का असर एक्सपायरी डेट के बाद नहीं होता है.
मेडिकल रिपोर्ट्स की सलाह यही होती है कि एक्सपायर होने के बाद दवाओं को न लें. दवा निर्माता कंपनी द्वारा एक्सपायरी डेट के बाद भी कुछ महीनों का मार्जिन रखते है जिससे यदि कोई गलती से दवा खा ले तो उसको कोई नुक्सान न हो.
सोनाली फोगाट हत्या की सीबीआई जांच के लिए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे प्रमोद सावंत