अपनी आँखों को बारिश में न भीगने दें, कॉन्टैक्ट लेंस के साथ जरूर पहने प्रोटेक्टिव आई ग्लास

नई दिल्ली : बारिश यानी ह्युमिडिटी और बैक्टीरिया का अटैक। यह मौसम जितना सुन्दर लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। इस मौसम में हर चीजों में सावधानी बरतनी पड़ती है। घर से बाहर निकलने में सावधानी, सड़क पर वाहन चलने में सावधानी, खाने पीने में सावधानी, वायरल इंफेक्शन के खतरे से सावधानी और यहाँ तक बारिश में भीगने में भी सावधानी।खबर स्वास्थ्य की में आज हम बात करेंगे आपके आँखो की। आप बारिश में कैसे कॉन्टैक्ट लेंस को नमी से बचा सकते है।

बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा हमारी स्किन और आँखों के संक्रमण फैलते हैं। हमें इन संक्रमण से अपने आप को बचाना होगा। कुछ लोगों को बारिश में पानी के चलते चश्मा पहनने में परेशानी होती है। इस वजह से वे चश्मे की जगह कॉन्टैक्ट लेंस पहनना पसंद करते हैं। कई लोग शौकिया तौर पर ही कॉन्टैक्ट लेंस का ज्यादा प्रयोग करते हैं। आप शायद ही यह जानते होंगे कि बारिश में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से भी इन्फेक्शन का खतरा हो बना रहता है।

बरसात में अगर आप भी कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अपनी आंखों को बिल्कुल भी हल्के में न लें। मानसून में हमारे हाथ सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खबर स्वास्थ्य की में आज हम बात करेंगे आपके आँखो की। आप बारिश में कैसे कॉन्टैक्ट लेंस को नमी से बचा सकते है।

एक्सपर्ट- डॉ. परेश कोठरी, एमडी, प्रेसिडेंट ऑफ़ सूरत मेडिकल कंसल्टेंट एसोसिएशन

सवाल : क्या कॉन्टैक्ट लेंस पहने से बारिश में इंफेक्शन हो सकता है ?

जवाब : मानसून में कई वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के संपर्क में आने का खतरा किसी भी अन्य मौसम की तुलना में दो गुना ज्यादा होता है। हवा में रहे नमी अधिक हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस फैलाती है, जिसके चलते बहुत-सी बीमारियां होती हैं। आप यदि बारिश में कॉन्टैक्ट लेंस यूज करते हैं तो इससे आंखों में इन्फेक्शन होने का खतरा बना सकता है। बारिश का पानी कॉन्टैक्ट लेंस के अंदर जाने से वह रिएक्ट करने लगता है।

सवाल : कॉन्टैक्ट लेंस से कंजरवाइटिस इंफेक्शन फैलने का खतरा कितना रहता है ?

जवाब : बारिश के मौसम में कंजक्टिवाइटिस या पिंकआई आम बात है। यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकता है। जब आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो आपको कंजक्टिवाइटिस होने का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है। कंजक्टिवाइटिस संक्रमण आपकी आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदर की पतली झिल्ली में मौजूद बैक्टीरिया या वायरस से होता है। एक कारण यह भी है कि हवा में रहे वायरस से भी कंजक्टिवाइटिस या पिंकआई हो सकता है।

सवाल :आँखो पर वाइरस का कितना खतरा रहता है?

जवाब : बारिश में वाइरस और बैक्टीरिया का खतरा रहता है। ऐसे में कोई एपिडेमिक (आई फ्लू ) के समय आप कॉन्टैक्ट लेंस के साथ प्रोटेक्टिव ग्लास को पहन कर बाहर जायें। आप से जहाँ तक बन सके आप बारिश में जाने से बचे। जितना हो सके आप कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग काम करें।आँखो की क्रॉनिक को कोई नुकसान हुआ तो आपके आँखो की रोशनी भी जा सकती है।

सवाल : कॉन्टैक्ट लेंस पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

जवाब : कॉन्टैक्ट लेंस के लिए आप अपने आफ्थैल्मालजिस्ट- नेत्र-विशेषज्ञ की सलाह का उपयोग करें। कॉन्टैक्ट लेंस को 6-7 घंटे न पहने। कॉन्टैक्ट लेंस पहन कर न सोये। नहाते समय या स्वमिंग के समय लेंस को निकल दे। कॉन्टैक्ट लेंस पहने है तो बारिश में भीगने से बचें। कॉन्टैक्ट लेंस लगाये हैं, तो आँखो को आँखों को टच या रब न करें । किसी दूसरे व्यक्ति का कॉन्टैक्ट लेंस न पहने। कॉन्टैक्ट लेंस को गंदे हाथों से न छुए। कॉन्टैक्ट लेंस को बिना कम्फर्ट फॉर्मूला कंडीशनिंग के इस्तेमाल न करें।

सवाल: किन लक्षणों को देख हमें डॉ. के पास जाना चाहिए ?

जवाब : आँखो में लाली आना , आँखो से पानी निकलना , आँखो में दर्द,जलन और सूजन आना, आँखो में सूखापन आना।

सवाल : संक्रमित होने पर क्या उपाय करें ?

जवाब : वायरस इंफेक्शन है तो आप समय-समय पर साफ पानी से आँखो को धोते रहें। साफ कपड़े को गुनगुने पानी में भीगो कर आँखो पर रखें। डॉक्टर की सहल पर आप एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स का उपयोग करें। प्रॉटेक्टिव आई ग्लास का उपयोग करें ताकि कोई और संक्रमित न हो।

हमारी आंखें बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। आंखें साथ थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी से बड़ी मुसीबतों को दावत दे सकती हैं। डॉक्टर भी यही कहते हैं कि बारिश के समय में सभी को अपनी आंखों का खूब ख्याल रखना चाहिए। संक्रमति हाथों को अपने आंखों और चेहरे पर न लगाएं। इससे आँखो को इन्फेक्शन हो सकता है। इन्हें गंदे पानी के संपर्क में आने से बचाएं। 

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