नई दिल्ली: गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, इनमें से एक मुख्य बदलाव स्तनों में होता है। इन बदलावों को जानना और समझना बहुत जरूरी है ताकि आप अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रख सकें। अगर इन बदलावों को नजरअंदाज किया गया तो आपको अस्पताल जाना […]
नई दिल्ली: गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, इनमें से एक मुख्य बदलाव स्तनों में होता है। इन बदलावों को जानना और समझना बहुत जरूरी है ताकि आप अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रख सकें। अगर इन बदलावों को नजरअंदाज किया गया तो आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में..
गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद स्तनों का आकार और वजन बढ़ सकता है। ऐसा दूध के उत्पादन के कारण होता है, जो नवजात शिशु को पोषण देने के लिए जरूरी होता है।
आपके निप्पल का रंग गहरा और आकार बड़ा हो सकता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
बच्चे के जन्म के बाद आपके स्तनों में दूध बनना शुरू हो जाता है। इस प्रक्रिया को स्तनपान कहते हैं। कई बार दूध बनने में समस्या हो सकती है, जिससे स्तनों में दर्द हो सकता है।
गर्भावस्था के बाद स्तनों के आकार में अचानक बदलाव के कारण खिंचाव के निशान पड़ सकते हैं। यह सामान्य है और चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। समय के साथ, ये निशान हल्के हो सकते हैं और ज़्यादातर मामलों में धीरे-धीरे गायब हो सकते हैं। इस दौरान अपने स्तनों का ख्याल रखें और मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें, जो त्वचा को नमीयुक्त बनाए रखते हैं।
कभी-कभी दूध नलिकाओं में रुकावट के कारण स्तनों में गांठ बन सकती है। यह काफी दर्दनाक हो सकता है और इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय पर इलाज से आपको इस समस्या से जल्दी राहत मिल सकती है और कोई गंभीर समस्या नहीं होगी। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी असामान्य बदलाव पर ध्यान दें।
गर्भावस्था के बाद स्तनों में संक्रमण का ख़तरा बढ़ सकता है, जिसे मास्टिटिस कहा जाता है। इस समस्या में स्तनों में दर्द, सूजन, लालिमा और बुखार हो सकता है। यह संक्रमण काफी दर्दनाक हो सकता है और इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अगर आपको ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आपको सही इलाज मिल सके और आप जल्दी ठीक हो सकें।
स्तनों की रोज़ाना देखभाल करें।
किसी भी असामान्य बदलाव पर ध्यान दें।
स्तनों की सफाई का ध्यान रखें।
सही साइज़ की ब्रा पहनें ताकि स्तनों को सही सहारा मिले।
अगर दर्द या सूजन बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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