नई दिल्ली: आज के दौर में हमारा ज्यादातर समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के बीच बीतता है। स्मार्टफोन हो या लैपटॉप, सभी में सूचनाओं की भरमार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को बार-बार चेक करने की आपकी आदत आपको ब्रेन डिसऑर्डर का शिकार बना सकती है। इस डिजिटल दुनिया में ‘पॉपकॉर्न ब्रेन’ […]
नई दिल्ली: आज के दौर में हमारा ज्यादातर समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के बीच बीतता है। स्मार्टफोन हो या लैपटॉप, सभी में सूचनाओं की भरमार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को बार-बार चेक करने की आपकी आदत आपको ब्रेन डिसऑर्डर का शिकार बना सकती है। इस डिजिटल दुनिया में ‘पॉपकॉर्न ब्रेन’ नाम की एक नई बीमारी बहुत तेजी से उभर रही है। आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी?
ये एक मानसिक विकार है, जिसमें हमारे दिमाग की स्थिति कमजोर होने लगती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति काफी समय तक किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। इसका कारण लगातार सूचनाओं को अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से बार बार देखने या पढ़ने से होता है। इस बीमारी में हमारा दिमाग थोड़ी-थोड़ी देर में एक जगह से दूसरी जगह भागने लगता है। जिससे हमारा फोकस बहुत खराब हो जाता है।
किसी भी काम पर फोकस नहीं कर पाना।
काम पर आसानी से नियंत्रण खो देना।
बहुत जल्दी ध्यान भटक जाना।
बहुत भ्रमित होना।
बार-बार ज़रूरी चीज़ें भूल जाना।
आपको अपना स्क्रीन टाइम कम करना होगा। इसे दिन में 6 घंटे से ज़्यादा न होने दें।
रात को सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल को खुद से दूर रखें। इससे आपको काफ़ी मदद मिलेगी।
काम करते समय मोबाइल के नोटिफिकेशन अलर्ट को साइलेंट रखें, ताकि आप बार-बार मोबाइल देखने से बच सकें।
रील आदि जैसे छोटे वीडियो देखना बंद करें, ये आपका ध्यान बहुत कमज़ोर करते हैं।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखें, इससे आपको गंभीर नुकसान हो सकता है।
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