नई दिल्ली: महिलाओं में ड्रिंकिंग का शौक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं शराबी महिला को प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान कई खतरे हो सकते हैं.
नई दिल्ली: महिलाओं में ड्रिंकिंग का शौक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं शराबी महिला को प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान कई खतरे हो सकते हैं. अधिक शराब पीने से बांझपन की समस्या बढ़ सकती है. प्रेगनेंसी के समय में एल्कोहल के सेवन से मां ही नहीं बल्कि बच्चे की सेहत पर भी बुरी असर पड़ सकती है. इसलिए 9 महीने तक महिला की खानपान पर विशेष ध्यान रखा जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार महिलाओं को शराब से दूर ही रहना चाहिए, वरना इसके गंभीर समस्या हो सकती हैं.
गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक महिला हो या पुरुष, हर दिन एल्कोहल पीने से बांझपन की समस्या हो सकती है. शराब पीने से महिलाओं में ऑव्यूलेशन कम होने का खतरा रहता है, जिससे कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है. वहीं कोई महिला किसी तरह से कंसीव कर भी लेते है तो फीटस में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं. एल्कोहल पीने से बच्चे में कई तरह के डिसऑर्डर पैदा हो सकती है.
नीदरलैंड्स के इरासमस मेडिकल सेंटर के मुताबिक एक हफ्ते में सिर्फ एक ग्लास शराब पीने से ही पेट में पल रहे बच्चे पर असर पड़ सकता है. इतना ही नहीं प्रेगनेंसी में शराब पीने से बच्चे को फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है.
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