नई दिल्ली : शुगर यानी डायबिटीज शरीर को धीमी गति से उम्र के साथ और कमजोर कर देती है. ये बीमारी आज के समय में हर तीसरे व्यक्ति को है. दरअसल डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है जो जीवन भर इंसान के अंदर रहता है. ये समस्या तब होती है जब किसी व्यक्ति के खून में […]
नई दिल्ली : शुगर यानी डायबिटीज शरीर को धीमी गति से उम्र के साथ और कमजोर कर देती है. ये बीमारी आज के समय में हर तीसरे व्यक्ति को है.
दरअसल डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है जो जीवन भर इंसान के अंदर रहता है. ये समस्या तब होती है जब किसी व्यक्ति के खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है या जब पैनक्रियाज (अग्नाशय) बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या बहुत कम उत्पादन करता है तो डायबिटीज की समस्या होती है. डायबिटीज में आपको चलने में दिक्कत हो सकती है या आपके पैरों में भी कई तरह की समस्या आ सकती है. आज हम आपको इन सभी लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं.
डायबिटिक न्यूरोपैथी एक तरह का नर्व डैमेज है जो डायबिटीज के रोगियों में पाया जाता है. डायबिटिक न्यूरोपैथी के चलते टांगों और पैरों की नसें डैमेज होने लगती हैं इससे टांगों, पैर और हाथ में दर्द और सुन्न पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके अलावा डाइजेस्टिव सिस्टम, यूरिनरी ट्रैक्ट, रक्त कोशिकाओं और हृदय संबंधित समस्याएं भी नज़र आती हैं.
स्किन में दरार पड़ने या गहरा घाव बन जाने को अल्सर कहते हैं. डायबिटिक फुट अल्सर एक खुला हुआ घाव है जो डायबिटिज के 15 प्रतिशत मरीजों में पाया जाता है. यह मुख्य रूप से पैर के तलवे में होने वाली समस्या है. हल्के मामलों में, फुट अल्सर के कारण स्किन खराब होती है लेकिन गंभीर मामलों में शरीर के अंगों तक को काटना पड़ सकता है.
डायबिटीज के कारण नसें डैमेज होती हैं जिस कारण एथलीट फुट समेत कई दिक्कतें हो सकती हैं. एथलीट फुट एक फंगल इंफेक्शन है जिसके कारण पैरों में खुजली, रेडनेस, और दरार आदि की समस्या हो सकती हैं. इससे दोनों पैर प्रभावित होते हैं.
गांठ बनना या कॉर्न्स और कॉलस
पैर के नाखूनों में फंगल इंफेक्शन
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